उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कभी राज करने वाली समाजवादी पार्टी ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है। दरअसल, सोमवार (1 नवंबर 2021) को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि वो इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
SP supremo Akhilesh Yadav says he will not be contesting the next Uttar Pradesh Assembly polls
— Press Trust of India (@PTI_News) November 1, 2021
आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने अपने इंटरव्यू में कहा, ”2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच गठबंधन को लेकर बात बन गई है। रालोद के साथ सीट के बँटवारे को लेकर बात होनी अभी बाकी है।” रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिलेश का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब रविवार को RLD के जयंत चौधरी कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी से मिले थे।
Alliance with RLD for Uttar Pradesh Assembly polls final, seat sharing to be discussed: SP leader Akhilesh Yadav
— Press Trust of India (@PTI_News) November 1, 2021
अखिलेश से जब पूछा गया कि क्या चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) सपा के साथ विधानसभा चुनाव में आ सकती है? इस पर उन्होंने कहा, ”मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। उन्हें और उनके साथियों को उचित सम्मान दिया जाएगा।”
बता दें कि इससे पहले यूपी के हरदोई में एक जनसभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के साथ करते नजर आए।
अखिलेश के बयान पर बीजेपी ने हमला करते हुए कहा कि जाति और मजहब की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर आए हैं। उनके इस ज्ञान को सुनकर मुलायम सिंह भी माथा पकड़ लेंगे। देश मुहम्मद अली जिन्ना को विभाजन का खलनायक मानता है। जिन्ना को आजादी का नायक कहना मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति है।