मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि अगर पत्नी नाबालिग है तो उससे भी शारीरिक संबंध बनाना अपराध है। यह निर्णय हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनाया है। फैसले के दौरान कोर्ट ने आरोपित अजय जाटव की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया। यह फैसला न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की खंडपीठ ने सुनाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला आरोपित अजय जाटव की पाँचवी जमानत याचिका पर सुनाया गया है। अजय की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गई है। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363, 376, 366 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत केस दर्ज है।
चौथी याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय में दलील दी गई थी कि अपराध के समय उनकी बेटी 17 वर्ष 6 माह की थी। पीड़िता की जन्म तिथि 01 फरवरी 2002 है। यही जन्मतिथि लड़की के स्कूल रिकॉर्ड में भी पाई गई थी। पीड़िता ने 16 सितंबर 2020 को एक बच्चे को जन्म दिया था। इसी आधार पर यह साबित हुआ था कि पीड़िता दिसंबर 2019 के महीने में ही गर्भवती हो गई थी।
अपने बचाव में आरोपित ने पीड़िता से शादी कर लेने की दलील दी थी, लेकिन अदालत ने इन दलीलों को दरकिनार कर दिया। अदालत के अनुसार नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी (यानी 18 वर्ष से कम उम्र) बलात्कार की श्रेणी में ही आएगा।
यह मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के रन्नोड थाने में दर्ज हुआ था। लड़की के पिता ने FIR में बताया था कि आरोपित ने 20-21 दिसंबर 2019 की रात में उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था। बरामदगी के बाद लड़की ने अदालत में सीआरपीसी की धारा 161 तहत दिए अपने बयान में बताया था कि अजय उसे घर के आगे रात लगभग 11 बजे मिला था और शादी का वादा कर उसे बस से भोपाल ले गया। वहाँ से वे दोनों तेलंगाना के ईसानपुर चले गए। तेलंगाना के ही एक मंदिर में दोनों ने शादी कर ली थी।