Monday, December 23, 2024
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‘मोदी सरकार सिखों को सेना से हटाने की बना रही योजना’: पाकिस्तानी और उनके भारतीय एजेंट कैबिनेट मीटिंग के वीडियो में हेरफेर कर फैला रहे हैं प्रोपेगेंडा

ऑरिजिनल वीडियो पिछले साल 9 दिसंबर का है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित भारतीय अधिकारियों की एक हेलिकॉप्टर हादसे में मृत्यु के बाद कैबिनेट समिति की एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी।

पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) विंग का एक प्रोपेगेंडा ट्विटर हैंडल ने शुक्रवार (7 जनवरी 2022) को एक फर्जी वीडियो ट्वीट कर दावा किया कि भारत सरकार सिखों को भारतीय सेना से हटाने की योजना बना रही है। यह प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश तब हो रही है, जब 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सुरक्षा उल्लंघन को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच बयानबाजी हो रही है।

अंजलि कौर के नाम से बना ट्विटर हैंडल (@heyanjaliii) ने दावा किया है, “कैबिनेट कमिटी की सुरक्षा बैठक में मंत्री अनुराग ठाकुर, एस जयशंकर ने भारतीय सेना से सिखों को हटाने का आह्वान किया।” यह अकाउंट पिछले साल अक्टूबर में बनाया गया था और स्टोरी लिखने तक इसके 987 फॉलोअर थे। वीडियो में किसी को भारतीय सेना से सभी पंजाबियों को हटाने की वकालत करते हुए सुना जा सकता है। एक व्यक्ति की आवाज को सुना जा सकता है, जो कह रहा है, ‘सभी जनरल, सभी सैनिक, ऊपर से नीचे तक सबको हटा दें’।

हालाँकि, यह एक फर्जी वीडियो है, क्योंकि इसमें अलग-अलग सोर्स से लिए गए ऑडियो को कैबिनेट बैठक के विजुअल से जोड़ा गया है। प्रोपेगेंडा हैंडल के इस वीडियो में कैबिनेट मीटिंग के विजुअल और क्लब हाउस डिस्कशन के ऑडियो को जोड़ा गया है। ट्विटर पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसकी ओर इशारा किया।

कथित तौर पर ऑडियो किसी विकास दुबे का है, जिसने क्लब हाउस चर्चा के दौरान भारतीय सेना से पंजाबियों को हटाने की बात कही थी। कई लोगों द्वारा इस ऑडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर कर इस सुझाव की आलोचना की जा रही थी, लेकिन पाकिस्तानियों ने मोदी सरकार के खिलाफ अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर लिया।

पत्रकार शिव अरूर ने फर्जी वीडियो को ‘हास्यास्पद’ बताकर इसे खारिज कर दिया। उन्होंने लिखा, “फर्जी वीडियो के हँसाने वाला नकली बकवास घूम रहा है। आमतौर पर इस तरह की बकवास पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, लेकिन जब ‘खाली-पिंडी डेस्क’ तेज गति में हो तो हस्तक्षेप करने की जरूरत है।”

ऑरिजिनल वीडियो पिछले साल 9 दिसंबर का है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित भारतीय अधिकारियों की एक हेलिकॉप्टर हादसे में मृत्यु के बाद कैबिनेट समिति की एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी।

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आधिकारिक हैंडल ने भी फर्जी हैंडल द्वारा किए गए दावों को खारिज किया है। “एक वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में दावा किया गया कि सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक में सिखों को भारतीय सेना से हटाने का आह्वान किया गया। यह दावा फर्जी है। ऐसी कोई चर्चा/बैठक नहीं हुई है।”

बॉलीवुड अभिनेता रणवीर शौरी ने बताया कि कैसे नकली अकाउंट का उपयोग करके भारत विरोधी प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, “अगर @heyanjaliii हैंडल के TL को देखें तो पता चलता है कि #भारत के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों द्वारा प्रोपेगेंडा युद्ध किया जा रहा है। कृपया इन अकाउंट्स को रिपोर्ट करें।”

शौरी ने यह भी बताया कि कैसे ISPR बॉट के विवादित ट्वीट को रीट्वीट करने वाले सभी अकाउंट एक समान हैं और उनका ट्विटर बायो भी एक जैसा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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