सऊदी अरब और उनके गठबंधन की सेना ने यमन पर हमला कर दिया है। इस हवाई हमले में यमन के हूती विद्रोहियों (Yemen Houthi Rebels) का कमांडर अब्दुल्ला कासिम अल जुनैद मारा गया। कमांडर के साथ-साथ हूती विद्रोहियों के कई सीनियर रैंक अधिकारी भी मारे गए। यह जानकारी अरब न्यूज चैनल अल-हदाथ (Al-Hadath) ने दी है।
Houthi commander Abdullah Qassem al Juneid has been eliminated in a Coalition airstrike along with a number of senior Houthi officers. https://t.co/RqiZx32Kqd
— Mohammed Alyahya محمد اليحيى (@7yhy) January 17, 2022
सऊदी अरब गठबंधन के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार की आधी रात (17-18 जनवरी 2022) को यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बम बरसाए। इस हवाई हमले में F-15 और F-16 (सऊदी F-15SA और अमीरात F-16) लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल करने की खबर आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि सउदी अरब गठबंधन यह हमला अगले 24 घंटों तक जारी रखेगी।
The Arab Coalition announces the commencement of air strikes on Houthi targets in Sanaa over the next 24 hours. The operations will be carried out with F-15s and F-16s (probably Saudi F-15SAs and Emirati F-16s). pic.twitter.com/9bXE36DQPd
— Mohammed Alyahya محمد اليحيى (@7yhy) January 17, 2022
आपको बता दें कि यमन के हूती विद्रोहियों (Yemen Houthi Rebels) ने सोमवार (17 जनवरी 2022) को संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी पर ड्रोन अटैक किया था। इस हमले में 2 भारतीयों समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी। यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब गठबंधन का यह हमला उसी की प्रतिक्रिया में देखा जा रहा है।
हूती विद्रोही Vs सऊदी अरब
यमन के हूती विद्रोही (Yemen Houthi Rebels) शिया इस्लाम को मानते हैं। इसकी शुरुआत हुई थी 1990 से। हूती विद्रोहियों के पहले नेता थे हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती। 2004 में यमन के सैनिकों ने विद्रोही हुसैन बदरेद्दीन अल-हूती की हत्या कर दी थी। इसके बाद 2015 में यमन की राजधानी सना पर हूती विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया। इस कारण से यमन के राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़ कर भागना पड़ा था।
सऊदी अरब सुन्नी (जबकि हूती विद्रोही शिया इस्लामी) बहुल आबादी वाला देश है। इसके अलावा सऊदी अरब यमन के भाग गए राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी का समर्थन करता था। धर्म और सत्ता दोनों के मामलों को मिला कर देखें तो सऊदी अरब हमेशा से यमन के हूती विद्रोहियों (Yemen Houthi Rebels) के खिलाफ रहा है।
धर्म और सत्ता के अलावा एक और भी पहलू है यहाँ – ईरान। ईरान और हूती विद्रोही दोनों ही शिया इस्लाम को मानते हैं। आरोप लगता रहा है कि ईरान ही इन विद्रोहियों को हथियार-पैसे देता है। ईरान और सऊदी अरब की प्रतिद्वंद्विता इस्लामी दुनिया का मुखिया बनने को लेकर भी है।