पंजाब विधानसभा के बीच प्रसिद्ध कवि और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता डॉ कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल को लेकर दिए गए बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। केजरीवाल को खालिस्तान सपोर्टर बताने के बाद आप उन पर हमलावर है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि आखिर ये लोग हैं कौन जो ये कह रहे हैं कि तू पंजाब इलेक्शन से बाहर निकल जा, नहीं तो ऐसा-वैसा कर देंगे।
खुद को मिल रही धमकियों पर कवि कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में विपक्ष पर पलटवार किया है। उन्होंने धमकाने वालों की तुलना साँप से की है। विश्वास ने ट्वीट किया, “ये कौन लोग हैं जो धमकी दे रहे हैं कि ‘तू पंजाब इलेक्शन से बाहर रह, नहीं तो ऐसा कर देंगे,वैसा कर देंगे।’ इनका क्या दाँव पर लगा है? तो सुनो परदेसी और देसी अजगरों- झूठ के पैरहन में लिपटे हुए, सच की बाकी अदाएँ क्या समझें, बीन पर बिल से निकलने वाले, बाँसुरी की सदाएँ क्या समझें…?”
ये कौन लोग हैं जो धमकी दे रहे हैं कि “तू पंजाब इलेक्शन से बाहर रह,नहीं तो ऐसा कर देंगे,वैसा कर देंगे”
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 18, 2022
इनका क्या दांव पर लगा है ?
तो सुनो परदेसी और देसी अजगरो-
“झूँठ के पैरहन में लिपटे हुए,
सच की बांकी अदाएँ क्या समझें,
बीन पर बिल से निकलने वाले
बाँसुरी की सदाएँ क्या समझें…?👎🏿💪🏼
इससे पहले अरविंद केजरीवाल को खालिस्तानी समर्थक बताने के बाद अचानक चर्चा में आए कवि कुमार विश्वास की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विचार विमर्श शुरू कर दिया है। ताकि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। जबकि विश्वास द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों के जवाब में केजरीवाल ने खुद को दुनिया का सबसे ‘स्वीट आतंकी’ बताया था। इसके साथ ही उन्होंने खुद को सरदार भगत सिंह का सबसे बड़ा चेला करार दिया था।
आप संयोजक ने पंजाब के बठिंडा में विश्वास के आरोपों पर जबाव देते हुए विक्टिम कार्ड खेला था। उन्होंने कहा था, “मैं स्वीट आतंकी हूँ। जो लोगों के लिए अस्पताल-स्कूल बनाकर देता है। बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजता है।” उन्होंने कहा कि 100 साल पहले अंग्रेजों ने भगत सिंह को आतंकवादी कहा था और 100 साल बाद इतिहास खुद को दोहरा रहा है और भगत सिंह के सबसे बड़े चेले को (केजरीवाल को) आतंकवादी कहा जा रहा है।
गौरतलब है कि कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि एक बार केजरीवाल ने उनसे कहा था कि या तो वे पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर स्वतंत्र देश (खालिस्तान) के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे।