रूस यूक्रेन पर हमला कर चुका है औऱ वह लगातार एक-एक कर उसके शहरों पर हमले करके उन्हें अपने कब्जे में ले रहा है। रसियन फोर्सेस ने यूक्रेन के हथियार कारखाने को नष्ट कर दिया है। इस हमले के बाद अब देश के राष्ट्रपति व्लदिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने नागरिकों से भी देश की रक्षा के लिए हथियार उठाने की अपील की है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा के वो उन सभी लोगों को हथियार देंगे जो आगे आकर यूक्रेन की रक्षा के लिए लड़ना चाहेंगे। उन्होंने लोगों से शहरों के चौकों में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
We will give weapons to anyone who wants to defend the country. Be ready to support Ukraine in the squares of our cities.
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 24, 2022
अपने दूसरे ट्वीट में ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्रीय रक्षा के हिस्से के रूप में देश की रक्षा में हथियार उठाने वाले किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाएगी।
We will lift sanctions on all citizens of Ukraine who are ready to defend our country as part of territorial defense with weapons in hands.
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 24, 2022
इससे पहले यूक्रेन ने रूस के हमले के बाद उसके साथ सभी तरह के संबंधों को तोड़ने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन के लगभग सभी प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर हमले कर रहा है। हालाँकि, बावजूद इसके वो लगातार नागरिकों पर हमले करने की बात से इनकार कर रहा है औऱ यह दावा कर रहा है कि वो केवल यूक्रेनी सैन्य प्रतिष्ठानों को टार्गेट कर हमले कर रहा है।
हमले से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों को सरेंडर करने के लिए कहा था।
कई लोग मारे गए
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के हमले में यूक्रेन के अब तक 40 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। जबकि इस हमले में 10 नागरिकों के भी मारे जाने की खबर है। वहीं यूक्रेन ने भी रूस के 50 सैनिकों और 6 फाइटर जेट्स और टैंकों को तबाह करने का दावा किया है।
More than 40 Ukraine soldiers, around 10 civilians killed – AFP News Agency quotes Ukrainian president Volodymyr Zelenskyy#RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/0FKVprKpI9
— ANI (@ANI) February 24, 2022
इस बीच यूक्रेन में भारत के दूतावास ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि रूसी हमले के बीच भी एम्बेसी को बंद नहीं किया जाएगा। भारत सरकार वहाँ फंसे 18000 लोगों को लगातार वहाँ से निकालने की कोशिश कर रही है।