किसानों को लेकर देश में लगातार कई बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन उन पर अमल लगभग न के बराबर ही हो पाता है। कर्जमाफी का वादा करके कॉन्ग्रेस ने तीन राज्यों में सत्ता हासिल की लेकिन वो अपने वादे को निभाने में कामयाब नहीं हो पाई। नतीजा ये है कि किसान परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के जैतसर थाना क्षेत्र में चार लाख रुपए का बैंक का कर्ज न चुका पाने और इसकी अदायगी के लिए बैंक द्वारा डाले जा रहे दबाव से परेशान होकर एक किसान ने कीटनाशक दवा का सेवन करके आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक, रघुनाथपुरा का 40 वर्षीय किसान नेतराम नाथ बैंक का कर्जा न चुका पाने से मिल रहे नोटिस से काफी परेशान था। हालाँकि, बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंक की तरफ से किसान को कोई नोटिस नहीं दिया गया।
बैंक कर्ज माफी और मुआवजे की मांग पूरी नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने की बात पर अड़े हैं किसानhttps://t.co/Nc0F6qoMon
— News18 Rajasthan (@News18Rajasthan) July 5, 2019
नेतराम नाथ की मौत से किसानों में काफी आक्रोश है। मृतक किसान के परिजन और कुछ किसान नेता किसान नेतराम का शव लेकर गुरुवार (जुलाई 4, 2019) से शमशान घाट पर धरने पर बैठ गए हैं। मौके पर प्रशासन और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे और किसानों से बातचीत की। जिसका नतीजा बेअसर रहा। किसान के परिजन और किसान नेता 20 लाख रुपए के मुआवजे और बैंक की सम्पूर्ण कर्जमाफी की माँग कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन लोगों ने बैंक लोन चुकाने के लिए दबाव बनाने वाले बैंककर्मियों के खिलार्फ कानूनी कार्रवाई करने की भी माँग सरकार के सामने रखी है। पुलिस और प्रशासन से वार्ता बेनतीजा रहने के बाद शुक्रवार (जुलाई 5, 2019) को महापंचायत बुलाने का फैसला किया गया है, जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। धरने पर बैठे लोगों ने माँग पूरी न होने पर किसान के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि, इससे पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के ठीकरी गाँव में रविवार (जून 23 2019) को 45 वर्षीय किसान सोहनलाल ने कर्जमाफी न होने के कारण जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। सोहनलाल ने मरने से पहले एक वीडियो और दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गहलोत सरकार चुनाव से पहले किए अपने वादों को पूरा करने में असफल रही और उन्हीं के कारण वह आत्महत्या कर रहे हैं।