Monday, November 18, 2024
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‘बैसाखी मेला हुआ तो होंगे हिंदू-सिख दंगे’: ऑस्ट्रेलिया में भारतीय कपल को ‘खालसा एड’ के नेता ने दी धमकी, देखें वीडियो

न केवल हिंदू-सिख कपल बल्कि उनके दोस्तों को भी इस खालसा एड संगठन द्वारा परेशान किया गया और धमकी दी गई।

संदिग्ध संस्था खालसा एड (Khalsa Aid के दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई समन्वयक (Coordinator) गुरिंदरजीत सिंह जस्सर ने एक हिंदू-सिख जोड़े को 2 अप्रैल को ‘वैसाखी मेला’ आयोजित करने को लेकर धमकी दी है। द आस्ट्रेलिया टुडे की​ रिपोर्ट के मुताबि​क, पिछले सात दिनों से एडिलेड में रहने वाला यह हिंदू-सिख कपल नरक से भी बदतर जिंदगी जी रहा है। बुधवार (30 मार्च 2022) को बताया गया कि यह कपल ‘दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पंजाबी ऑस्ट्रेलियाई संघ’ (Punjabi Aussie Association of South Australia) नामक एक संगठन चलाता है। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले कपल का कहना है कि “हम इन धमकियों से बेहद परेशान हैं। हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, हमने डर की वजह से कुछ दिनों से ठीक से खाना भी नहीं खाया है।”

उन्होंने आरोप लगाया है कि उन लोगों ने हमें जान से मारने, उनके व्यवसाय को नुकसान पहुँचाने और सिख समुदाय से बहिष्कार करने की धमकी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, हरमीत कौर और उनके पति राजेश ठाकुर पिछले कई सालों से दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की राजधानी एडिलेड में वैसाखी मेले का आयोजन कर रहे हैं, लेकिन इस साल वह चरमपंथी समूहों के निशाने पर हैं।

राजेश ठाकुर ने द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया, “खालसा एड के प्रमुख जस्सर ने कथित तौर पर कपल को फोन पर मेले का नाम बदलने की धमकी दी थी।” उन्होंने बताया, “जस्सर ने उन्हें फोन पर कहा था कि वैसाखी हमारा (सिखों) त्योहार है। जब मैंने उससे मेले का नाम बदलने से इनकार कर दिया तब वह (जस्सर) फोन पर ही आगबबूला हो गया और उन पर गलत तरीके से त्योहार मनाने का आरोप लगाया।”

“युवा पीढ़ी का यौन शोषण करने का आरोप”

ठाकुर ने बताया कि जस्सर ने उनसे कहा, “तुस्सी मेले विच गिद्दा-भांगड़ा पा के लचरता-कंजर खाना फेलाते हो।” उन्होंने आगे बताया कि गुरिंदर जीत सिंह (Gurinder Jit Singh Jassar) ने मुझ पर आरोप लगाया है कि हम युवा पीढ़ी को गिद्दा-भांगड़ा करने की अनुमति देकर उनका यौन शोषण कर रहे हैं।” ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि जस्सर ने उन्हें मेले का नाम बदलने का लिए पैसों का लालच भी दिया। एक लाइव वीडियो में जस्सर ने कहा कि उन्होंने एक और त्योहार का नाम बदल दिया है। हालाँकि, दूसरे आयोजक से संपर्क करने के बावजूद (वह कथित तौर पर ठाकुर की ओर इशारा कर रहे थे), नाम नहीं बदला गया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सिखों का एक समूह मेले के दिन आयोजन स्थल पर पहुँचेगा और शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा, “अगर वे हमें वहाँ मिलते हैं, तो हम खुद को रोक नहीं पाएँगे।”

वहीं, जब एक स्थानीय मीडिया चैनल राब्ता रेडियो ने कपल के पक्ष में इस मुद्दे को उठाया, तो उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल कर निशाना बनाया गया। राब्ता रेडियो के संपादक रॉबी बेनीपाल ने कहा कि उनके संगठन को सार्वजनिक रूप से कपल का समर्थन करने के लिए टारगेट किया गया था। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले एक भारतीय कार्यक्रम में उन्होंने मुझे घेर लिया और मुझसे बदतमीजी से सवाल किया कि मैंने वैसाखी मेले की आयोजक हरमीत कौर को मंच क्यों दिया।”

कपल के दोस्तों को भी खालसा एड संगठन ने धमकी दी

न केवल हिंदू-सिख कपल बल्कि उनके दोस्तों को भी इस खालसा एड संगठन द्वारा परेशान किया गया और धमकी दी गई। कौर ने आरोप लगाया कि एक इंटरनेशनल स्टूडेंट ने अपने एक दोस्त को फोन किया और धमकी दी कि अगर उन्होंने कौर के मेले को देखा तो वे उसके टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। उसने अपने दोस्त से कहा, “हम 300-400 लोग होंगे, मेलबर्न से कुछ लोग तुम्हारे यहाँ आ रहे हैं। हमारा संगठन माइक और स्पीकर भी ला रहा है, हम मंच पर कब्जा कर लेंगे और जो कोई भी हमें रोकने की कोशिश करेगा उसे पता चल जाएगा कि हम कौन हैं।”

कपल ने ऑस्ट्रेलिया की पुलिस से मदद की गुहार लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कर संगठन के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि जस्सर का संगठन उन पर कभी भी हमला कर सकता है। उन्होंने मेले में उपस्थित लोगों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा की व्यवस्था करने को भी कहा है।

“मेला आयोजित किया तो हिंदू-सिख दंगे होंगे”

ठाकुर ने अपने बयान में कहा कि 22 मार्च को, उन्हें गुरशिमिंदर सिंह मिंटू बराड़ (Gurshiminder Singh Mintu Brar) का फोन भी आया था, जिसने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने मेला आयोजित किया तो हिंदू-सिख दंगे होंगे। उन्होंने कहा, “मिंटू बराड़ ने मुझे बताया कि वह एडिलेड के सभी तीन गुरुद्वारों और कुछ मेलबर्न सिख जत्थे के संपर्क में हैं, जो वैसाखी मेले में आने को तैयार हैं।” द ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार, एडिलेड में तीन में से दो गुरुद्वारों ने बराड़ के साथ किसी भी प्रकार का संपर्क होने से इनकार किया है।

भारत में वैसाखी उत्सव में हर कोई नृत्य करता है: ऑस्ट्रेलियाई सिख नेता

वहीं, ऑस्ट्रेलियाई सिख नेता इस जोड़े के समर्थन में आए हैं। सिख नेता और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की सिख सोसायटी के सदस्य अमरीक सिंह थांडी (Amrik Singh Thandi) ने कहा कि कोई भी वैसाखी को अपना त्योहार होने का दावा नहीं कर सकता है। यह हर धर्म का है। एलेनबी गार्डन गुरुद्वारा के अध्यक्ष महावीर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि भारत में वैसाखी उत्सव में हर कोई नृत्य करता है और ऑस्ट्रेलिया में किसी को भी इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। जबकि दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने एक बयान में कहा, “दक्षिण ऑस्ट्रेलिया पुलिस आगामी वैसाखी मेला उत्सव से अवगत है। अन्य सामुदायिक कार्यक्रमों की तरह, SAPOL आयोजकों के साथ काम करता है। इस दौरान पुलिस भी मौजूद होती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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