Sunday, September 8, 2024
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शराबी शफीकुल की मौत… 2000 हमलावरों ने थाने में लगाई आग, 2 पुलिसकर्मी घायल: असम पुलिस ने थाने में मृत्यु वाली बात नकारी

"हम असामाजिक तत्वों पर भी एक्शन लेंगे, जो सोचते हैं कि भारत का न्यायतंत्र थानों को जला कर चलेगा। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अपराधियों को इसे हमारी पहली और अंतिम चेतावनी समझा जाए।"

असम में भीड़ ने एक थाने में आग लगा दी। इस दौरान 2 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। शफीकुल इस्लाम नाम के व्यक्ति की मौत थाने में हुई, भीड़ को यह शक था। यह घटना नौगाँव जिले के थाना बटाद्रवा की है। हमले के दौरान लगभग 2000 हमलावरों की भीड़ का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसमें महिलाएँ भी शामिल थीं। घटना शनिवार (21 मई 2022) की है। अब तक 3 हमलावरों को हिरासत में भी लिया गया है।

घटना की जानकारी देते हुए असम पुलिस के DGP ने बताया, “20 मई 2022 को रात लगभग 9.30 पर पुलिस को सार्वजानिक सड़क पर एक व्यक्ति के शराब पी कर लेटे होने की सूचना मिली। इसी सूचना पर 39 साल के शफीकुल इस्लाम को बटाद्रवा थाने लाया गया था। उसे मेडिकल चेकअप के लिए भेजा गया। अगले दिन उसे उसकी पत्नी को सौंप कर छोड़ दिया गया। शफीकुल की पत्नी ने उसे खाना और पानी दिया। बाद में शफीकुल ने अपनी तबियत खराब होना बताया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्य से वहाँ उसकी मौत हो गई।”

DGP ने आगे बताया, “हमने इस मौत को गंभीरता से लिया और थाने के OC को सस्पेंड कर दिया। थाने के अन्य स्टाफ पर भी कार्रवाई की गई है। अगर पुलिस की तरफ से कोई गलती हुई होगी तो उसकी जाँच करवा के दोषियों को सजा दी जाएगी।”

इसके बाद DGP ने बताया कि अगले दिन कुछ असामाजिक तत्वों ने कानून को अपने हाथों में लिया और थाने को जला दिया। उनके अनुसार इन असामाजिक तत्वों में युवा, महिला, पुरुष और वृद्ध भी शामिल थे। इनके द्वारा पुलिस पर सामूहिक हमला किया गया।

असम पुलिस के अनुसार थानों के हमलावरों को चिन्हित कर लिया गया है। पुलिस को पता चला है कि वो अपराधी तत्व थे, जिनके साथ मृतक के रिश्तेदार भी थाने पर हुए हमले में शामिल थे। हमले के बाद थाने में रखे रिकॉर्ड और अन्य जरूरी चीजें जल गई हैं।

DGP ने आगे कहा, “असम के शांतिप्रिय लोगों से हमारा वादा है कि हम न सिर्फ दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे बल्कि इसी के साथ उन असामाजिक तत्वों पर भी एक्शन लेंगे, जो सोचते हैं कि भारत का न्यायतंत्र थानों को जला कर चलेगा। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अपराधियों को इसे हमारी पहली और अंतिम चेतावनी समझा जाए।”

वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक शफीकुल के परिजनों ने पुलिस पर रिश्वत माँगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “शफीफुल मछली बेचने निकला था। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। हमसे शफीकुल को छोड़ने की एवज में 10000 रुपए, एक बत्तख और चिकन की माँग की गई थी।” मृतक ढिंग थानाक्षेत्र के सलनबारी इलाके का रहने वाला था।

थाने पर हुए हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में एक महिला थाने में आग लगाती दिखाई दे रही है। ट्वीट करने वाले @hgenocidewatch हैंडल ने महिला के मुस्लिम समुदाय से होने का दावा किया है।

वहीं एक अन्य वीडियो में थाने में घुसी भीड़ पुलिसकर्मियों को बुरी तरह से पीटती दिखाई दे रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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