हाल ही में पैगम्बर मुहम्मद पर कथित टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी की सदस्यता से बाहर कर दिया। वहीं उसके बाद से ही सोशल मीडिया पर शर्मा के समर्थन की बाढ़ आई हुई है। लोग उनके सच और साहस को यह कहते हुए सराह रहे हैं कि जो बोला है वह सच खुद उन्हीं की पाक किताबों में लिखा है। इसी बीच टाइम्स नाउ पर अर्नब गोस्वामी के साथ डिबेट का उनका एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने SAR गिलानी को आतंकी कहा था और एक दिन पहले ही DU के एक सेमिनार में उनपर थूके जाने की माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि जहाँ रविवार (5 जून 2022) को बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी की सदस्यता से बाहर करते हुए जारी प्रेस रिलीज में कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और यह उस विचारधारा के खिलाफ है, जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या फिर नीचा दिखाती है। वहीं यह वही नूपुर शर्मा है जो 2008 में ही दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद से ही अपने तीखे तेवरों के लिए जानी जाती रही हैं।
वायरल वीडियो में भी उनकी सच बोलने की ताकत को साफ देखा जा सकता है। जब वह ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्) को बीजेपी से अलग करते हुए RSS से सीधे जोड़ती है। वहीं गिलानी को भी ‘आतंकी’ कहकर मुहतोड़ जवाब देती हैं।
क्या है 2008 के वायरल वीडियो का मामला
बता दें कि 2008 में DUSU में अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान, नूपुर शर्मा ने DU के प्रोफेसर S.A.R गिलानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के लिए खूब सुर्खियाँ बटोरीं थी। डीयू कला संकाय द्वारा आयोजित एक सेमिनार के दौरान, SAR गिलानी को सांप्रदायिकता पर बोलने के लिए बुलाया गया था। तब एबीवीपी के छात्रों के एक समूह ने उस कार्यक्रम का विरोध किया था। यहाँ तक कि मंच पर जाकर एक छात्र ने गिलानी पर कथित तौर पर थूक भी दिया था। तब ABVP ने यह आरोप लगाया था कि गिलानी ‘हिंदुत्व विरोधी’ पर्चे बाँट रहा था।
बाद में, अर्नब गोस्वामी के साथ टाइम्स नाउ की डिबेट में नूपुर शर्मा ने न सिर्फ एबीवीपी का बचाव किया बल्कि गिलानी को आतंकवादी कहते हुए कहा था कि ‘आतंकवादी’ को आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। हमने शांति से विरोध किया। मैंने विनम्रता से उनसे कार्यक्रम स्थल छोड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वहीं तस्वीरों में वह अपनी बात पूरी सच्चाई के साथ रखते हुए गिलानी को डाँटते हुए भी दिखीं।
नूपुर शर्मा ने तब स्पष्ट कहा था, “2003 के संसद हमले के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा बरी किए गए गिलानी को संगोष्ठी के लिए आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। गिलानी एक आतंकवादी है और मैंने विनम्रता से उससे कार्यक्रम स्थल से चले जाने का अनुरोध किया था। लेकिन उसने मना कर दिया। और तब हमें विरोध के आना पड़ा।”
हालाँकि, टेलीविजन बहस में नूपुर शर्मा ने स्पष्ट रूप से इनकार किया था कि गिलानी पर थूकने वाला छात्र एबीवीपी का था, लेकिन बहस के दौरान गुस्से में उन्होंने कहा था, “पूरे देश को गिलानी पर थूकना चाहिए।”
इस वीडियो को देखकर लगता है कि नूपुर शर्मा आज से नहीं बल्कि वह उस समय के अन्य छात्र नेताओं से बिलकुल अलग थीं। वह तब भी सत्य के प्रति उतनी ही मुखर थीं।
आज के समय में भी जो मंच कथित ईशनिंदा के विवाद का कारण बना वह भी टाइम्स नाउ का ही डिबेट शो था। जहाँ उन्होंने लगातार भगवान शिव और ज्ञानवापी में पाए गए ‘शिवलिंग’ का फव्वारा कहकर मजाक उड़ाने और किसी भी तरह से हिन्दू धर्म को अपमानित करने से आहत होकर सवाल करते हुए कहा था यदि कोई आपके मजहबी मसलों का मजाक बनाए तो।
वहीं हाल ही में ऑपइंडिया के साथ एक इंटरव्यू में नूपुर शर्मा ने कहा था कि उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर कोई अपनी राय नहीं दी थी, उन्होंने जो कुछ भी कहा, उसका उल्लेख उनकी अपनी हदीस में पहले से ही है। शिवलिंग पर टिप्पणियों से नाराज होने के बाद, मैंने केवल इतना ही पूछा था कि क्या उनको भी उनकी मजहबी आस्था का मजाक उड़ाना शुरू कर देना चाहिए, जैसे वे हमारा मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई स्थापित इस्लामी विद्वान उसे ठीक करने के लिए आगे आएगा तो उन्हें अपनी टिप्पणी वापस लेने में खुशी होगी। उन्होंने कहा था, “अगर मैं तथ्यात्मक रूप से गलत हूँ, तो मुझे अपने बयान वापस लेने में खुशी होगी।”
नूपुर शर्मा के खिलाफ धमकी और अब समन का सिलसिला
गौरतलब है कि नूपुर शर्मा को उस डिबेट वीडियो के क्लिप के वायरल होने के बाद (27 मई 2022) से ही मौत की धमकियाँ मिलनी शुरू हो गईं थीं। जिसे ध्यान में रखते हुए आज दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुरक्षा भी प्रदान कर दी है। वहींइस बीच कई राज्यों ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भी किया है।
बता दें कि टाइम्स नाउ की हालिया डिबेट में उन्होंने कहा था कि हिन्दू धर्म की आस्थाओं का मजाक उड़ाने पर लोग इस्लामी मान्यताओं का भी मजाक उड़ा सकते हैं। वहीं इस पूरे बहस की एक छोटी सी क्लिप निकाल कर ऑल्ट न्यूज़ के कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबेर ने वायरल कर दी थी। जिसके बाद थोड़ी ही देर में नूपुर शर्मा को मौत और बलात्कार की धमकियाँ मिलनी शुरू हो गई थी। इस मामले में लोगों को नूपुर के खिलाफ भड़काने में मोहम्मद जुबेर का साथ राणा अयूब ने भी दिया। हालाँकि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि वह लगातार पूरे वैश्विक मुस्लिम उम्माह को भड़काने में लगा है।
रिपोर्ट के अनुसार, नूपुर शर्मा के खिलाफ तीन प्रमुख FIR दर्ज की गई हैं। पहली FIR 29 मई को संदिग्ध इस्लामिक संगठन रजा अकादमी की शिकायत के आधार पर मुंबई में दर्ज की गई थी। जिस पर उन्हें अभी समन किया गया है। दूसरी FIR उनके खिलाफ मुंब्रा के एक मोहम्मद गुरफान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। तीसरी FIR हैदराबाद में दर्ज की गई थी और इसे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया था।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि नूपुर शर्मा को न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान से भी जान से मारने की धमकी मिली है। उनके खिलाफ लाखों-करोड़ों के ईनाम की भी घोषणा की गई है। वहीं खाड़ी और OIC के मुस्लिम देशों ने भी भारत से इस मसले पर माफ़ी की माँग की है। जिसका भारत ने आतंरिक मामलों में न घुसने की सलाह के साथ विरोध किया है।