Wednesday, September 11, 2024
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भाजपा ने प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को किया सस्पेंड: पार्टी ने कहा- ‘BJP किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है’

“भारत के हजारों वर्षों के इतिहास के दौरान, हर धर्म फला-फूला और विकसित हुआ। भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है।”

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार (5 जून 2022) को एक प्रेस रिलीज जारी किया। इसमें कहा गया है कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और यह उस विचारधारा के खिलाफ है, जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या फिर नीचा दिखाती है। कथित ‘ईशनिंदा’ को लेकर इस्लामवादियों द्वारा भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को दी गई धमकियों के बीच यह प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इस रिलीज के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया है।

निलंबन पत्र में, भाजपा ने शर्मा से कहा कि उन्होंने पार्टी के संविधान का उल्लंघन करने वाले विभिन्न मामलों पर पार्टी के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं। हालाँकि पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जाता है कि शर्मा के खिलाफ कार्रवाई टाइम्स नाउ पर एक डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनके बयान के संदर्भ में की गई है।

इससे पहले बीजेपी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज पर राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने हस्ताक्षर किया था। इसमें पार्टी की तरफ से कहा गया था, “भारत के हजारों वर्षों के इतिहास के दौरान, हर धर्म फला-फूला और विकसित हुआ। भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है। भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है।”

बीजेपी की ओर से जारी प्रेस रिलीज (साभार: BJP.org)

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय जनता पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के खिलाफ है जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है। भाजपा ऐसे लोगों या सिद्धांत को बढ़ावा नहीं देती है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और हर धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है।”

भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, “भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहा है, हम भारत को एक महान देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ सभी समान हैं और हर कोई सम्मान के साथ रहता है, जहाँ सभी भारत की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ सभी उन्नति और प्रगति के फल का आनंद लेते हैं।”

नूपुर शर्मा के खिलाफ धमकी

गौरतलब है कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को मौत की धमकियाँ 27 मई 2022 से मिलनी शुरू हुईं। तब उन्होंने कहा था कि हिन्दू धर्म की आस्थाओं का मजाक उड़ाने पर लोग इस्लामी मान्यताओं का भी मजाक उड़ा सकते हैं। इस पूरे बहस की एक क्लिप निकाल कर ऑल्ट न्यूज़ के कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबेर ने वायरल कर दी। थोड़ी ही देर में नूपुर शर्मा को मौत और बलात्कार की धमकियाँ मिलनी शुरू हो गई थी। इस मामले में लोगों को नूपुर के खिलाफ भड़काने में मोहम्मद जुबेर का साथ राणा अयूब ने भी दिया। हालाँकि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

नूपुर शर्मा के खिलाफ तीन FIR दर्ज की गई हैं। पहली FIR 29 मई को संदिग्ध इस्लामिक संगठन रजा अकादमी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। दूसरी FIR उनके खिलाफ मुंब्रा के एक मोहम्मद गुरफान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। तीसरी FIR हैदराबाद में दर्ज की गई थी और इसे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया था। शर्मा को न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान से भी जान से मारने की धमकी मिली है। उनके खिलाफ ईनाम की भी घोषणा की गई है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने गुरुवार (2 जून 2022) को नागपुर में संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षण समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानवापी जैसे देवस्थल जिनसे हिंदुओं की श्रद्धा जुड़ी हुई है उनका समाधान आपसी सह​मति से होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर अदालत का फैसला सबको मानना चाहिए। 

भागवत ने कहा, “अभी ये प्रकरण निकल रहे हैं। ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है। अब ऐसे मुद्दे हैं, एक इतिहास तो है, उसको हम बदल नहीं सकते। वो इतिहास हमने नहीं बनाया। न आज के अपने आपको हिन्दू कहलाने वालों ने बनाया, न आज के मुसलमानों ने बनाया। उस समय घटा। इस्लाम बाहर से आया, आक्रामकों के हाथ आया। उस आक्रमण में भारत की स्वतंत्रता चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थान तोड़े गए। हजारों हैं। हिन्दू समाज का विशेष ध्यान जिन पर है, विशेष श्रद्धा जिनके बारे में हैं। ऐसे कुछ हैं, उसके बारे में मामले उठते हैं। अब इसका विचार क्या करना, ये मुसलमानों के विरूद्ध नहीं सोचता हिन्दू। आज के मुसलमानों के उस समय पूर्वज भी हिन्दू थे। उन सब को स्वतंत्रता से चिरकाल तक वंचित रखने के लिए उनका मनो-धैर्य दबाने के लिए किया गया, इसलिए हिन्दू को लगता है कि इसका पुनरुद्धार होना चाहिए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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