पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा (Nusrat Mirza) ने एक नया दावा किया है। इसके मुताबिक वह भारत यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला था। साथ ही पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर किए उसके दावों में भी नरमी आ गई है। अब उसका कहना है कि अंसारी से उसकी ‘निजी तौर’ पर कोई मुलाकात नहीं हुई थी।
दैनिक भास्कर ने मिर्जा का इंटरव्यू किया है। इसमें वह अंसारी का बचाव कर रहा है। उसने कहा है कि अंसारी मुस्लिम हैं। कॉन्ग्रेसी हैं। यही कारण है कि बीजेपी उन्हें निशाना बना रही है। इतना ही नहीं अब उसका दावा है कि उसने आईएसआई को जो दस्तावेज दिए थे, उसका भारत से कोई संबंध नहीं था।
उसने इस इंटरव्यू में कहा है, “मैं तीन बातें साफ करता हूँ। न ही मैं व्यक्तिगत तौर पर हामिद अंसारी से मिला। न मेरी उनसे किसी तरह की कोई बात हुई। जब मैं आया था तब मेरी उनसे सिर्फ दुआ-सलाम हुई थी। उस दौरे पर मनमोहन सिंह जी से जरूर मेरी मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरी खैरियत भी पूछी थी। हामिद अंसारी से तो कोई बात भी नहीं हुई थी, न उन्होंने मेरा हालचाल पूछा था। वे सीधे मंच पर चले गए थे। मुझे इस बात का बुरा भी लगा था।”
मिर्जा ने यह भी बताया है कि भारत आते ही उसे पाकिस्तान के दूतावास से एक सिम कार्ड मिला था। उसे यह भी बताया गया था कि उस पर नजर रखी जा रही है। मिर्जा ने दैनिक भास्कर की पत्रकार पूनम कौशल से कहा, “मैंने कहा कि रखने दो नजर। मैं दोस्त बनाने आया हूँ। दोस्त बनाकर चला जाऊँगा। जब मुझे भारत का वीजा दिया गया था, तब उन्हें भी पता था कि मैं कौन हूँ और मुझे भी पता था मुझ पर नजर रखी जा सकती है।”
नुसरत मिर्जा ने पहले क्या कहा था
नुसरत मिर्जा ने YouTuber शकील चौधरी को 10 जुलाई 2022 को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें दावा किया था कि उसने 2005 से 2011 के बीच भारत दौरे के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए कई जानकारियाँ एकत्र की थीं। उसे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और ‘मिल्ली गैजेट’ अखबार के मालिक जफरुल इस्लाम खान ने भारत में आमंत्रित किया था।
उसने कहा था, “2010 में मुझे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में आमंत्रित किया था। हालाँकि मैं मानता हूँ कि हम भी बहुत बड़े एक्सपर्ट नहीं हैं, लेकिन हम मुगल हैं। हमने सदियों तक भारत पर राज किया है। मैं उनकी संस्कृति को समझता हूँ। हम वहाँ के हालात से अच्छी तरह वाकिफ हैं। हम उनकी कमजोरियों के बारे में भी जानते हैं, लेकिन मसला ये है कि मैंने भारत के बारे में जो भी जानकारी इकट्ठा की थीं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तान में अच्छे नेतृत्व की कमी के कारण नहीं हो रहा है। पाकिस्तान में ऐसा कोई शख्स नहीं है, जो मेरे तर्जुबे से इत्तेफाक रखे।”
मिर्जा ने ये भी खुलासा किया था कि तत्कालीन केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने उसे वीजा दिलवाया था। इस खुलासे के बाद अंसारी ने मिर्जा को जानने से इनकार किया था। इसके बाद ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश अग्रवाल ने एक विस्तृत बयान जारी कर अंसारी पर जानकारी छिपाने और झूठ बोलने का आरोप लगाया था। आतंकवाद के मसले पर जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा 27 अक्टूबर 2009 को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित एक सम्मेलन की तस्वीर भी शेयर की थी। इसमें अंसारी और मिर्जा एक साथ मंच साझा करते दिखे थे। अग्रवाल ने यह भी बताया था कि अंसारी के कार्यालय से मिर्जा को आमंत्रित करने का उनसे आग्रह किया गया था। इसे ठुकराए जाने के बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति नाराज भी हो गए थे।