जम्मू-कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर पाकिस्तान का कब्ज़ा है और समय-समय पर पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों द्वारा पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की बातें सामने आती रहती हैं। पाकिस्तान भी गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों के साथ अन्याय करता आ रहा है। ताज़ा मामले में गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने पाकिस्तान पर जनता के साथ धोखा करने का बड़ा आरोप लगाया।
दरअसल, पाकिस्तान ने विकास के नाम पर गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता के साथ धोखा किया। विकास कार्यों का बहाना बना कर उनके साथ छल किया गया। पाकिस्तान ने कई वर्षों पहले गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों की जमीनें, संसाधन और सम्पत्तियाँ हड़प ली थीं। उन्हें बताया गया कि यह सब गिलगित एयरपोर्ट का निर्माण व अन्य विकास कार्यों के लिए किया जा रहा है। लेकिन, हमेशा की तरह पाकिस्तान के इरादे कुछ और ही थे।
People hold protest in Gilgit-Baltistan demanding compensation for the land, property, and resources that were acquired by the Pakistan Government in the name of development including that of construction of Gilgit Airport, decades ago. (06.08.19) pic.twitter.com/a1gWD2GefK
— ANI (@ANI) August 8, 2019
आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगों को उनकी सम्पत्तियों का उचित मूल्य नहीं मिला है। पाकिस्तान ने उन्हें उचित मुआवजा देने का भरोसा तोड़ दिया है। इसके ख़िलाफ़ वहाँ के लोग सड़कों पर हैं। अभी हाल ही में गिलगित बाल्टिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के उस बयान का स्वागत किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीओके भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा है और उसके लिए जान भी दे सकते हैं।
Gilgit-Baltistan Activist Senge H Sering: We ask for representation in legislative bodies of India. Reserved seats in the newly-formed Union Territories should have representation from Gilgit-Baltistan. We should have representation in Rajya Sabha & Lok Sabha https://t.co/OR9i78soWM
— ANI (@ANI) August 6, 2019
गिलगित-बाल्टिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता एच सेरिंग ने कहा कि यह पाक अधिकृत क्षेत्र भी लद्दाख का ही एक हिस्सा है और जम्मू कश्मीर राज्य के अंतर्गत आता है। उन्होंने भारत के संवैधानिक ढाँचे में गिलगित बल्टिस्तान को उचित जगह देने की माँग की। उन्होंने राज्यसभा व लोकसभा में प्रतिनिधित्व की माँग की। भारत सरकार ने अनुच्छेद-370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू कश्मीर व लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया है।