Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजरात की रौशनी में भव्यता बिखेरने लगा है महाकाल कॉरिडोर: 300 करोड़ रुपए की...

रात की रौशनी में भव्यता बिखेरने लगा है महाकाल कॉरिडोर: 300 करोड़ रुपए की लागत से पहले चरण का काम लगभग पूरा, नवंबर में PM मोदी करेंगे उद्घाटन

कॉरिडोर में 108 शिवस्तंभ बनाए गए हैं, जिनमें भगवान शिव की विभिन्न मुद्राओं को अंकित किया गया है। पौराणिक सरोवर रूद्र सागर के किनारे विकसित हो रहा है। शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियों और म्यूरल्स के माध्यम से इसे सजाया गया है।

मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर मन्दिर (Baba Mahakal Temple) परिसर में महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor) के पहले चरण का काम लगभग पूरा होने वाला है। जिले के कलेक्टर आशीष सिंह ने कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया और कहा कि जो काम बचे हैं, उसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि कॉरिडोर के विकास के बाद कई तस्वीरें सामने आई हैं, जो इसकी खूबसूरती को दिखाती हैं।

लगभग 752 करोड़ रुपए की लागत से महाकाल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। इसके पहले चरण की लागत लगभग 300 करोड़ रुपए है। इसी साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बाबा महाकाल दर्शन करने जाएँगे और इस दौरान पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे।

इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और वैदिक एप की लॉन्चिंग भी करेंगे। इस घड़ी की विशेषता है कि यह ग्रीनविच समय पद्धत‍ि व हिन्दू कालगणना के समय अनुसार होगी, जिसमें 24 घंटे के बजाए 30 घंटे की होगी। इसे लख़नऊ के एक व्यक्ति ने विकसित किया है।  

सोशल मीडिया पर महाकाल कॉरिडोर के कुछ फोटो भी सामने आए हैं। इन फोटो में रात की रोशनी में जगमगाता महाकाल कॉरिडोर बेहद भव्य और खूबसूरत नजर आ रहा है। कॉरिडोर में वृक्षारोपण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसका काम पूर्ण होने के बाद यह और भी भव्य दिखेगा।

पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है। 200 मीटर लंबा पैदल पथ का काम भी पूरा हो चुका है।

इसमें 108 शिवस्तंभ बनाए गए हैं, जिनमें भगवान शिव की विभिन्न मुद्राओं को अंकित किया गया है। पौराणिक सरोवर रूद्र सागर के किनारे विकसित हो रहा है। शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियों और म्यूरल्स के माध्यम से इसे सजाया गया है।

इसके साथ ही महाकाल थीम पार्क के अन्तर्गत महाकालेश्वर की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल तथा सप्त सागर हेतु डेक एरिया बनाया गया है। इस डेक के नीचे शॉपिंग क्षेत्र और बैठने की जगह बनाई गई है।

वहीं, त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस व दोपहिया वाहन की मल्टीलेवल पार्किंग बनकर तैयार हो चुकी हैं। इस क्षेत्र में धर्मशाला व अन्न क्षेत्र भी बनाए जा रहे हैं। मन्दिर के अंदर वाले भाग में सुरक्षा व्यवस्था के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं और इन्हें एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स से जोड़ा गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -