उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक इंटर कॉलेज का एक मुस्लिम शिक्षक चंदन-टीका लगाने वाले छात्र और छात्राओं पर भड़क उठा। इस शिक्षक ने टीका लगाकर आने वाले छात्र-छात्राओं को न सिर्फ फटकार लगाई, बल्कि मंदिर को बंद करवा दिया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि 50 वर्षों में पहली बार 3 दिनों तक मंदिर बंद रहा है।
‘आज तक’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुजारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले गुरुवार (8 सितंबर, 2022) को स्कूल के प्रिंसिपल धर्मजीत सिंह किसी कारण अनुपस्थित थे। उनकी अनुपस्थिति में एक अन्य शिक्षक मोहम्मद कासिफ स्कूल के इंचार्ज था। वो निरीक्षण करते हुए मंदिर की ओर आया और उसने एक छात्रा के चंदन लगाने पर घोर आपत्ति जताई। यह मामला मिर्जापुर जिले के लालगंज में बापू उपरौध इंटर कालेज का बताया जा रहा है।
मंदिर के पुजारी रामजी मिश्रा के मुताबिक, मोहम्मद कासिफ ने उन्हें इस दौरान धमकाया भी था। पुजारी ने इस घटना की जानकारी स्थानीय लोगों को दी। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद को भी इसकी खबर लग गई और संगठन ने घटनास्थल पर पहुँच कर विरोध किया। शिक्षक पर यह भी आरोप है कि वो हिंदुओं से नफरत करता है।
‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि छात्र और छात्राएँ नित्य ही इसी प्रकार चंदन का टीका लगाकर क्लास में जाते थे। पुजारी को मंदिर बंद करने को लेकर धमकाते हुए मोहम्मद कासिफ ने उनसे कहा, “जिस दिन मैं कॉलेज का प्रभारी रहता हूँ, उस दिन मंदिर का गेट बंद रखा कीजिए। शाम 4 बजे के बाद ही गेट खोला करिए।” इसके बाद मंदिर को बंद किया गया।
घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद जब प्रधानाचार्य डॉ धर्मजीत सिंह सोमवार (12 सितंबर, 2022) को इंटर्न कॉलेज पहुँचे तो उन्होंने मंदिर को पहली बार बंद पाया। जब पुजारी से इसके बारे में उन्होंने बात की तो पुजारी ने सारी सच्चाई उन्हें बताई। इस बीच बुधवार (14 सितंबर, 2022) को विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कुछ कार्यकर्ता भी मंदिर पहुँच गए। उन्होंने शिक्षक पर कार्रवाई की माँग भी की।
विहिप कार्यकर्ताओं के मुताबिक, मुस्लिम शिक्षक मोहम्मद कासिफ ने उनसे भी अभद्रता की। विहिप के अलावा स्थानीय लोगों का भी यही आरोप है कि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में प्रधानाचार्य डॉ धर्मजीत सिंह ने कहा, “मैं उस दिन मौजूद नहीं था। मामले की जाँच करा कर दोषी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
इन सब आरोपों के बीच आरोपी मुस्लिम टीचर का भी बयान सामने आया है। मोहम्मद कासिफ ने इस मामले में पुजारी की बातों को झूठा बताया है। कासिफ़ ने कहा, “मैं 2005 से इस विद्यालय में पढ़ा रहा हूँ। मैंने कभी पुजारी को ऐसा करने से नहीं रोका। मैंने उस दिन छात्रों से बस क्लास में जाने के लिए कहा था, जिसका पुजारी ने गलत अर्थ निकाला है।”