Thursday, December 12, 2024
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शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश का इस्लामीकरण: सरकार बनाएगी मदीना की तरह मस्जिद, इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद की निंदा पर सजा-ए-मौत की सिफारिश

बांग्लादेश हाई कोर्ट के जस्टिस एम.आर. हसन और जस्टिस फहमीदा कादर की बेंच ने कहा, "कुरान और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ इस तरह के गैर-जरूरी, बेशर्म, अड़ियल, भड़काऊ भाषण और आचरण के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास जैसी सजा का प्रावधान होना चाहिए, इस पर संसद को विचार करना चाहिए।"

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्तापलट के बाद देश का इस्लामीकरण तेज हो गया है। इस इस्लामीकरण में अब युनुस सरकार के साथ ही देश की न्यायपालिका भी शामिल हो गई है। बांग्लादेश के हाई कोर्ट ने इस्लाम या पैगंबर की निंदा पर मौत की सजा लागू करने कि सिफारिश की है। वहीं युनुस सरकार में शामिल एक मौलाना ने कहा है कि वह देश में एक मस्जिद को सऊदी अरब की मस्जिद की तरह विकसित करने जा रहे है।

बांग्लादेश हाई कोर्ट दे रहा मौत की सजा की सिफारिश

बांग्लादेश हाई कोर्ट के जस्टिस एम.आर. हसन और जस्टिस फहमीदा कादर की बेंच ने कहा, “कुरान और पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ इस तरह के गैर-जरूरी, बेशर्म, अड़ियल, भड़काऊ भाषण और आचरण के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास जैसी सजा का प्रावधान होना चाहिए, इस पर संसद को विचार करना चाहिए।”

हाई कोर्ट ने आगे कहा, “किसी भी ऐसे भड़काऊ भाषण या ऐसे कामों को खत्म करने के लिए, जो किसी भी मजहब के लोगों को ठेस पहुँचा सकता है, या फिर उनमें से डर, आतंक, परेशानी या आशंका पैदा करता है, इनके लिए सजा बढ़ाने और गैर जमानती बनाने पर विचार किया जाना चाहिए।”

जहाँ कोर्ट अपने बयान में एक तरह कह रहा है कि पैगंबर मुहम्मद और कुरान के खिलाफ बयानों पर मौत की सजा होनी चाहिए, वहीं दूसरी तरफ उसने अपने इस्लामी कट्टरपंथ को सहारा देने के एजेंडे को सेक्युलर रंग देने के लिए बाद में ‘किसी भी मजहब’ का जुमला जोड़ दिया। यह पूरी दुनिया को पता है कि किस मजहब के लोग ईशनिंदा को लेकर सड़कों पर उतरते हैं।

बांग्लादेश का इस मामले में रिकॉर्ड भी कुछ ख़ास नहीं है। हाल ही में एक हिन्दू युवक को इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने बीच सड़क पर मार मार कर अधमरा कर दिया था। उस पर भी ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। उसे बाद में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

यह कोई अकेली घटना नहीं है। इसके अलावा भी बांग्लादेश में कई बार हिन्दुओं को बांग्लादेश में निशाना बनाया जा चुका है। बांग्लादेश हाई कोर्ट की नई सिफारिश पर यदि युनुस सरकार कानून बनाती है, तो इसका असर सबसे अधिक हिन्दुओं पर ही पड़ेगा।

ऐसा इसलिए नहीं होगा क्योंकि बांग्लादेश में हिन्दू ईशनिंदा करते हैं। बल्कि इसलिए होगा क्योंकि बांग्लादेश में अब सत्ता इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथ में है। बांग्लादेश के भीतर अब किसी भी हिन्दू को निशाना बनाने के लिए ईशनिंदा एक टूलकिट के तौर पर उपयोग होने लगा है। एक बार आरोप लग जाने के बाद, चाहे वह झूठा हो या सच्चा, भीड़ किसी की नहीं सुनती।

युनुस सरकार ने मस्जिद बनाने का किया ऐलान

मोहम्मद युनुस की सरकार में शामिल AFM खालिद हुसैन ने चटगाँव में एक मस्जिद को सऊदी अरब की मदीना मस्जिद की तरह विकसित करने का ऐलान किया है। AFM खालिद हुसैन ने कहा, “अंदरकिला शाही जामे मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है। इसे स्थानीय मुस्लिम समुदाय की आकांक्षाओं के अनुरूप एक शानदार मस्जिद के रूप में विकसित किया जाएगा।” युनुस सरकार इस पर ₹10 करोड़ का खर्च करेगी। इसके बाद जरूरी होगा तो और भी पैसा लगाया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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