Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीतिइसरो के जनक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर भी नेहरू की चाटुकारिता से बाज...

इसरो के जनक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर भी नेहरू की चाटुकारिता से बाज नहीं आए कॉन्ग्रेसी

“आज विक्रम साराभाई की जन्मशती है जिन्हें नेहरू ने 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को शुरू करने के लिए चुना। सात साल बाद इसरो अस्तित्व में आया।"

मौका कोई भी कॉन्ग्रेस नेता नेहरू-गॉंधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी दिखाने का अवसर तलाश ही लेते हैं। भारत के स्पेस प्रोग्राम के जनक और अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के संंस्थापक विक्रम साराभाई की जन्मशती पर ऐसी ही चाटुकारिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने दिखाई है।

12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे साराभाई की उपलब्धियों को इस मौके पर हर कोई याद कर रहा है। इंटरनेट सर्च ईंजन गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। लेकिन जयराम रमेश को इस मौके पर भी नेहरू ही याद आए। उन्होंने ट्वीट किया है, “आज विक्रम साराभाई की जन्मशती है जिन्हें नेहरू ने 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को शुरू करने के लिए चुना। सात साल बाद इसरो अस्तित्व में आया। दु:ख की बात है कि साराभाई का दिसंबर 1971 में निधन हो गया।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “फिर 1972 की शुरुआत में सतीश धवन को इसरो की कमान संभालने के लिए इंदिरा गाँधी ने राजी किया और उन्होंने भारत का गौरव बढ़ाने वाला संगठन बनाया।”


Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गृहयुद्ध छेड़ना चाहते हैं राहुल गाँधी’: कॉन्ग्रेस नेता को 7 जनवरी को बरेली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, सरकार बनने पर जाति...

राहुल गाँधी ने अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए कहा था कि यदि कॉन्ग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेगी।

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी
- विज्ञापन -