Sunday, December 22, 2024
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गोवा में रह कर अवैध कारोबार कर रहे 20 बांग्लादेशी धराए, अब होगा प्रत्यर्पण: इससे पहले असम में पकडे गए थे 17 बांग्लादेशी, इस्लाम का कर रहे थे प्रचार

बांग्लादेश के नागरिकों की पहचान को लेकर एटीएस पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना ने कहा कि ये लोग फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पिछले 4-5 साल से गोवा में अवैध रूप से रह रहे हैं।

गोवा के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने अवैध कारोबार कर रहे करीब 20 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इस बात की जानकारी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अवैध कारोबार चलाने वाले 20 से अधिक बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों के पास भारतीय पते या वोटर आईडी कार्ड नहीं थे।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “गोवा के अलग-अलग हिस्सों में अवैध कारोबार चलाने वाले 20 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों के पास भारतीय पता या वोटर आईडी कार्ड नहीं थे। ऐसे और लोगों की तलाश कर रहे हैं। इन लोगों को बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया जाएगा। गृह मंत्रालय को इससे अवगत कराया गया है।”

मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से किराएदारों के पुलिस सत्यापन और उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही मकान किराए पर देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, “मैं लोगों से अपने किराएदारों के विवरण सत्यापित करने का आह्वान करता हूँ। सभी लोग किराएदारों से जानकारी लें कि वे कहाँ से आए हैं और उनका उद्देश्य क्या है। ऐसे कई लोग हैं जो राज्य में रह रहे हैं और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं। अगर कमरे किराए पर देने हैं तो पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराएँ।”

बता दें, हाल ही में गोवा एटीएस (ATS) ने 22 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की थी। एटीएस की ओर से बीते दो महीनों में किराएदारों और विदेशियों के सत्यापन अभियान के दौरान इन सभी की पहचान हुई थी।

बांग्लादेश के नागरिकों की पहचान को लेकर एटीएस पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना ने कहा कि ये लोग फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पिछले 4-5 साल से गोवा में अवैध रूप से रह रहे हैं। उनके पास से नकली दस्तावेज मिले, जो अन्य राज्यों और बांग्लादेश कार्डों में बनाए गए थे। उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय में पेश किया गया है। इन सभी की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

बता दें, इससे पहले गत 19 सितंबर को असम के बिश्वनाथ जिले के बाघमरी इलाके से 17 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर भारतीय वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा था कि ये सभी आरोपी पर्यटक वीजा पर भारत आए थे, लेकिन मजहबी प्रचार कर रहे थे। बता दें कि असम से गिरफ्तार हुए 17 बांग्लादेशी नागरिक इस्लाम का प्रचार कर रहे थे। इन लोगों ने इस्लाम का प्रचार करते हुए करीब 500 लोगों को अपना शागिर्द बनाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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