गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर, 2022) को पुल गिरने की घटना में FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारियाँ शुरू कर दी हैं। अब तक इस घटना में कुल 9 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं पुलिस द्वारा कुछ अन्य आरोपितों को हिरासत में ले कर पूछताछ किए जाने की खबर है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, हादसे में मरने वालों की संख्या 150 हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तारआरोपितों में ओवेरा कम्पनी के 2 मैनेजर, इसी कम्पनी से जुड़े 2 ठेकेदार, 2 टिकट विक्रेता और 3 सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं। अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक, अजंता ओरेवा के मुखिया जयसुख पटेल को हिरासत में नहीं लिया गया है।
#PunishMorbiMurderers
— TIMES NOW (@TimesNow) October 31, 2022
2 managers, 2 contractors, 3 security guards & 2 ticket sellers among the nine people arrested in relation to the #Morbi tragedy.
Siddhartha Talya with more details. pic.twitter.com/65OpjBxRmC
दावा किया जा रहा है कि मोरबी के मच्छू स्थित यह ब्रिटिशकालीन पुल पिछले 7 माह से बंद था। इसकी मरम्मत करने का ठेका एक प्राइवेट फर्म को दिया गया था। ‘इंडिया टुडे’ का दावा है कि मोरबी म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने पुल को अजंता ओरेवा कम्पनी को 15 साल तक चलाने और मरम्मत के लिए दिया था। कार्पोरेशन और कम्पनी के बीच यह कॉन्ट्रैक्ट 2022 से शुरू हो कर 2037 तक वैलिड था।
गौरतलब है कि अभी तक इस पुल के टूटने की वजह जरूरत से ज्यादा वजन होना बताया जा रहा है। आपदा से बचाव के लिए NDRF की दो टीमें में रवाना की गईं हैं। 43 साल से भी ज्यादा पुराने इस पुल को 19वीं शताब्दी में वहाँ के शासक वाघजी ठाकोर ने बनवाया था। तब यूरोपीय तकनीक से बने इस पुल को ‘इंजीनियरिंग का चमत्कार’ माना जाता था। ‘झूलता पुल’ के नाम से मशहूर इस पुल की लंबाई लगभग 765 फीट है।