मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर ने बिना नाम लिए ही राहुल गाँधी पर निशाना साधा है। मनोज मुन्तशिर ने कहा, “चाणक्य ने कहा था कि विदेशी माता से उत्पन्न पुत्र कभी राष्ट्र भक्त नहीं हो सकता। समस्या डीएनए की है।”
भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित ‘मैं भारत हूँ’ विषय पर मनोज मुंतशिर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने राहुल गाँधी के सेना पर दिए बयान का जिक्र किया। मनोज ने कहा, “एक गैर-जिम्मेदार राजनेता ने कहा कि हमारे देश के सैनिक चीन के सैनिकों से पिट गए। कोई इतनी शर्मनाक भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकता है, पर मैं उसे क्या दोष दूँ? मैंने चाणक्य को पढ़ा है, उनका बयान है, मैं आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य के बयान को कोट कर रहा हूँ – विदेशी माता से पैदा हुआ पुत्र कभी राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता।”
उन्होंने आगे कहा, “साथियों, प्रॉबलम डीएनए का है – कोई कुछ नहीं कर सकता है इसमें.. हम तो भारत माता कहते हैं ना, हम जब भारत माता कहते हैं तो फिर माँ से प्यार करना थोड़ी ना सीखना है।” मनोज मुंतशिर ने कहा कि भारत माता कह दिया तो हम सदा के लिए ऋणी हो गए उस माँ के।
आचार्य चाणक्य की बात @manojmuntashir के माध्यम से…..बात तो गहरी है,शायद समझदार और नासमझ दोनो समझे….. pic.twitter.com/j7CYeuTx7Q
— Vikas Singh Chauhan (@vikassingh218) December 20, 2022
मनोज मुंतशिर के इस बयान के बाद जहाँ कई भाजपा नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उन्हें कॉन्ग्रेसियों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।
बता दें कि 9 दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों ने घुसपैठ कर रहे लगभग 300 चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इसी घटना का जिक्र करते हुए शुक्रवार (16 दिसंबर, 2022) को राजस्थान में राहुल गाँधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि चीनी सैनिक हमारे जवानों को अरुणाचल प्रदेश में पीट रहे हैं।
राहुल गाँधी के इस बयान के बाद देश भर में उनकी आलोचना हुई थी। 19 दिसंबर 2022 को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी राहुल को लोकसभा में करारा जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक आलोचनाओं का हमेशा स्वागत है, लेकिन अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना के लिए ‘पिटाई’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊँचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और उनकी सराहना की जानी चाहिए।”