Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस नेता ने 8 महीने में 3 बार कहा - 'मैं नचनिया हूँ, नचनिया...

कॉन्ग्रेस नेता ने 8 महीने में 3 बार कहा – ‘मैं नचनिया हूँ, नचनिया हूँ, नचनिया हूँ’

कॉन्ग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ख़ुद को नचनिया मानते हैं। ऐसा उन्होंने एक बार नहीं बल्कि तीन बार कहा है। हाँ, नृत्य की विधा हर बार बदल जाती है।

कॉन्ग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ख़ुद को नचनिया मानते हैं। ऐसा उन्होंने एक बार नहीं बल्कि तीन बार कहा है। हाँ, नृत्य की विधा हर बार बदल जाती है। एक वित्त मंत्री के समय वे एक ही नृत्य विधा में पारंगत होते हैं और जैसे ही दूसरा वित्त मंत्री आता है, वह ख़ुद को किसी और नृत्य विधा में पारंगत बताते हैं। उदाहरण के लिए हम यहाँ तीन ट्वीट लेकर आए हैं। ये तीनों ट्वीट के समय देश के वित्त मंत्री अलग-अलग थे। लेकिन हाँ, सरकार राजग की ही थी।

सबसे पहले इस ट्वीट को देखिए। यह उनका ताज़ा ट्वीट है, जिसमें उन्होंने ख़ुद को नचनिया घोषित किया है। सोमवार (अगस्त 26, 2019) को उन्होंने लिखा कि अगर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थशास्त्री हैं तो वो एक बेली डांसर हैं। बेली डांस को अरबी डांस भी कहा जाता है, जिसकी शुरुआत मिस्र से हुई थी। इस नृत्य विधा में सारा ज़ोर नृत्य करने वाले की धड़ पर होता है क्योंकि सारे मूवमेंट्स उसके प्रयोग से ही किए जाते हैं। ये रहा संजय झा का ट्वीट:

ऑल इंडिया प्रोफेशनल कॉन्ग्रेस, महाराष्ट्र के अध्यक्ष संजय झा के अब दूसरे ट्वीट पर गौर कीजिए। यह ट्वीट उन्होंने मार्च 26, 2019 को किया था। उस समय वित्तमंत्री अरुण जेटली थे, जिनका हाल ही में निधन हो गया। इस ट्वीट में झा ने लिखा कि अगर अरुण जेटली अर्थशास्त्री हैं तो वो एक बैलेट डांसर हैं। बैलेट डांस 15वीं सदी में इटली के उद्भव के साथ लोकप्रिय हुआ और फ्रांस एवं रूस में जाकर इसने कॉन्सर्ट डांस का रूप ले लिया। खैर, आप ट्वीट देखिए:

अब आते हैं फ़रवरी 3, 2019 को उनके द्वारा किए गए ट्वीट पर। उस दौरान पीयूष गोयल ने कार्यवाहक वित्त मंत्री के रूप में अंतरिम बजट पेश किया था। पूर्ण बजट चुनाव के बाद नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। पूर्णकालिक बजट के दौरान संजय झा ने फिर ख़ुद को नचनिया घोषित किया। हाँ, उनकी डांस विधा बदल कर अबकी स्वदेशी हो गई। हो सकता है कि कई लोगों को इसमें अच्छे दिन भी नज़र आएँ क्योंकि अरब और फ्रांस से डांस विधा लाने वाले संजय झा ने अबकी स्वदेशी डांस का जिक्र किया।

संजय झा ने लिखा कि अगर पीयूष गोयल अर्थशास्त्री हैं तो वो कथक डांसर हैं। उत्तर भारत के कथाकारों और पौराणिक कहानीकारों ने इस नृत्य विधा को लोकप्रिय बनाया। वे इस नृत्य के माध्यम से पौराणिक कहानियों को पेश करते थे। यह भारतीय क्लासिक डांस के अंतर्गत आता है। ये रहा संजय झा का ट्वीट:

राजनीति और नृत्य में पारंगत होने के अलावा संजय झा क्रिकेट नेक्स्ट नामक वेबसाइट के संस्थापक भी हैं। हो सकता है कि कल को अगर देश को नया वित्त मंत्री मिल जाए तो वह ख़ुद को स्ट्रिपटीज डांस में ही पारंगत न घोषित कर दें! या फिर वह अबकी पोल डांस भी चुन सकते हैं। खैर, आपने टीवी पर अक्सर उन्हें न्यूज़ डिबेट्स में भाग लेते देखा होगा और वह पहले से ही सुर्ख़ियों में रहते आए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -