Sunday, September 8, 2024
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जबरन बीफ डिलीवर करवाने वाले जोमैटो ने तकनीक के नाम पर ली 541 की बलि

जोमैटो द्वारा अपने सपोर्ट टीम से 541 लोगों को हटाने का अर्थ है कि कम्पनी ने कुल कर्मचारियों में से 10% को निकाल बाहर किया। पिछले महीने 100 कर्मचारियों को निकाला गया था, जिससे यह आँकड़ा करीब 650 हो जाता है।

फूड एग्रीगेटर कम्पनी जोमैटो ने अपने 541 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जोमैटो ने तकनीक का बहाना बना कर ऐसा किया। कम्पनी का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल के कारण उसे मानव संसाधन में कटौती करनी पड़ी है। कस्टमर, मर्चेंट और डिलीवरी कस्टमर सपोर्ट टीम से निकाले गए सदस्य जोमैटो के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में कार्यरत थे।

जोमैटो अपने बैक-एन्ड सपोर्ट से ग़ैर-ज़रूरी चीजों को निकालने में लगा हुआ है और इसके तहत ये कार्रवाई की गई है। जोमैटो द्वारा अपने सपोर्ट टीम से 541 लोगों को हटाने का अर्थ है कि कम्पनी ने कुल कर्मचारियों में से 10% को निकाल बाहर किया। पिछले महीने 100 कर्मचारियों को निकाला गया था, जिससे यह आँकड़ा करीब 650 हो जाता है।

जोमैटो का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में उसने अपने सपोर्ट सिस्टम के तकनीक में काफ़ी सुधार किया है। टेक्नोलॉजी इंटरफेस में सुधार के कारण अब उसके पास सपोर्ट सम्बंधित शिकायतें कम आ रही हैं। इससे विभिन्न कार्यों के लिए हायर किए गए कई कर्मचारियों की ज़रूरत ही नहीं रही है। जोमैटो ने कहा कि उनका कारोबार लगातार प्रगति पर है और अब बस उसके 7.5% ऑर्डरों को ही सपोर्ट की ज़रूरत है।

इससे पहले 2015 के शुरुआती दिनों में जोमैटो ने 300 कर्मचारियों को निकाल बाहर किया था। जोमैटो दुनिया भर में 10,000 और भारत में 500 शहरों में अपनी सेवाएँ दे रहा है। इससे पहले ख़बर आई थी कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में ऑनलाइन खाना डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो के फूड डिलीवरी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनका आरोप था कि कंपनी उनकी इच्छा के विरुद्ध उनको बीफ (गोमांस) और पोर्क (सूअर का मांस) डिलीवर करने के लिए मजबूर कर रही है।

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले जोमैटो के एक ग्राहक ने खाने की डिलीवरी लेने से मना कर दिया था, क्योंकि खाना पहुँचाने वाला मुस्लिम था और श्रावण के महीने में वह गैर-हिन्दू के हाथ से खाना स्वीकार नहीं करना चाहता था। इस पर जवाब देते हुए जोमैटो ने कहा था कि खाने का कोई मज़हब नहीं होता, बल्कि खाना अपने आप में मज़हब होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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