Sunday, November 24, 2024
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‘प्रतिबंधित या आतंकी संगठन नहीं है सनातन संस्था: बॉम्बे हाईकोर्ट ने संगठन के सदस्यों को दी जमानत, सबूत पेश नहीं कर पाई महाराष्ट्र ATS

एटीएस ने आरोप लगाया था कि लीलाधर लोधी, प्रताप हाजरा और उनके साथियों ने कच्चे बम तैयार किए थे। आतंकवाद निरोधक दस्ते ने वर्ष 2018 में महाराष्ट्र के नालासोपारा में वैभव राउत के घर से कई कच्चे बम बरामद किए थे।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (24 मार्च, 2023) को टिप्पणी की कि सनातन संस्था कोई प्रतिबंधित आतंकी संगठन नहीं है। हाईकोर्ट सनबर्न टेरर अटैक कॉन्सपिरेसी 2017 और नालासोपारा आर्म्स हॉल केस 2018 मामले में आरोपितों के जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने एटीएस द्वारा आरोपित बनाए गए संस्था के दो सदस्यों को जमानत दे दी। कोर्ट की तरफ से कहा गया कि आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

स्पेशल कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी ठुकराए जाने के बाद आरोपित लीलाधर उर्फ विजय लोधी और प्रताप हाजरा ने हाईकोर्ट में अपील की थी। इस अपील पर जज सुनील शुकरे और कमल खाता की बेंच ने सुनवाई की। महाराष्ट्र एटीएस ने यूएपीए के तहत लीलाधर और प्रताप हाजरा को गिरफ्तार किया था। एटीएस की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि लोधी सनातन संस्था का हिस्सा था जिनका मकसद हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना है।

एटीएस ने आरोप लगाया था कि लीलाधर लोधी, प्रताप हाजरा और उनके साथियों ने कच्चे बम तैयार किए थे। आतंकवाद निरोधक दस्ते ने वर्ष 2018 में महाराष्ट्र के नालासोपारा में वैभव राउत के घर से कई कच्चे बम बरामद किए थे। इस मामले में प्रताप हाजरा,लीलाधर लोधी और वैभव राउत समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया था।

कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि मिले बम लीलाधर और प्रताप हाजरा के ही हैं, इसका स्पष्ट सबूत नहीं है। क्योंकि, जिस घर से बम बरामद हुए उसका मालिक कोई और है। एटीएस ने आरोप लगाए थे कि सनातन संस्था के सदस्यों को विस्फोटक और फायर आर्म का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी गई थी। कोर्ट ने इस पर कहा कि एटीएस द्वारा इसपर कोई भौतिक सबूत पेश नहीं किया गया। जिससे पता चले प्रशिक्षण शिविर वास्तव में लगाए गए थे।

इसके अलावा एटीएस ने संस्था के सदस्यों पर सनबर्न फेस्टिवल 2017 के दौरान हमले की साजिश का आरोप लगाया था। आरोप था कि हाजरा ने मोबाइल के जरिए सनबर्न फेस्ट हमला साजिश के मुख्य आरोपित से बात की थी। कोर्ट ने कहा कि हाजरा का फोन 2020 में जब्त हुआ। हो सकता है कि 2017 में उस नंबर का इस्तेमाल कोई और कर रहा हो। कोर्ट द्वारा इस संबंध में सबूत माँगे जाने पर एटीएस पर्याप्त सबूत पेश करने में असमर्थ रहा। इसके बाद कोर्ट ने 50-50 हजार के निजी मुचलके पर लोधी और हाजरा को जमानत दे दी गई।

अदालत ने जोर देते हुए कहा कि सनातन संस्था को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 2004 के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है। न ही इसका किसी आतंकी संगठन से कुछ लेनादेना है। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट है। जिसका मकसद आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देना है। इसकी स्थापना 23 मार्च 1999 को हुई थी। भक्तराज महाराज के साथ मिलकर जयंत बालाजी अठावले ने इसकी स्थापना की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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