अतीक अहमद की भगोड़ी बीवी शाइस्ता परवीन और बहन आयशा नूरी की तलाशी में उत्तर प्रदेश की पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। पिछले दो दिन से यूपी पुलिस प्रयागराज के कछार क्षेत्र की खाक छान रही है। हालाँकि, शाइस्ता का अभी तक पता नहीं चला है। वहीं, पुलिस को जानकारी मिली है कि दिल्ली के शाहीन बाग से शाइस्ता रंगदारी वसूल करती थी।
उमेश पाल हत्याकांड की प्रमुख सूत्रधार बताई जा रही शाइस्ता परवीन की खोज के लिए पुलिस प्रयागराज और पड़ोसी कौशांबी जिलों के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है। इन ठिकानों में शाइस्ता और अतीक के रिश्तेदारों के घरों सहित वो सभी संभावित ठिकाने शामिल हैं, जहाँ उसके छुपे होने की आशंका है।
बुधवार (19 अप्रैल 2023) को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशांबी में कई जगहों पर छापेमारी की। यहाँ तक कि शाइस्ता की खोज के लिए पुलिस ने ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि गंगा की तलहटी में कुछ अपराधी छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने करीब 2 घंटे तक ऑपरेशन चलाया।
50,000 रुपए की इनामी भगोड़ी शाइस्ता का पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है। यूपी एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव तिवारी ने कहा था कि बुर्का में होने के कारण उसे खोजने में पुलिस को परिशानी का सामना करना पड़ रहा है।
खबर ये भी है कि शाइस्ता के साथ अतीक की बहन नूरी और दर्जन भर बुर्के वाली महिलाएँ साथ में चल रही हैं। शूटर साबिर भी उनके साथ साए की तरह लगा रहता है। वे लोग हर समय अपना लोकेशन बदल रहे हैं। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि शाइस्ता रोजाना अपना फोन और नंबर बदल रही है, ताकि वह पुलिस की पकड़ से बची रहे।
उधर, अतीक को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहीन बाग से हर महीने 15 लाख रुपए की वसूली की जाती थी। ये रकम अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को पहुँचती थी।
पुलिस ने शाहिद को हिरासत में लिया था। उसने ही पुलिस को यह जानकारी दी है। इतना ही नहीं, शाहिद ने अतीक के बेटे असद का नया नंबर यूपी एसटीएफ को दिया था। इसके बाद सर्विलांस के जरिए UP STF झाँसी पहुँची थी। ये भी कहा जा रहा है कि असद को पनाह देने वालों ने ही पुलिस की हिरासत में आने के बाद असद के बारे में जानकारी दी थी।
बताते चलें कि यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल 2023 को अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को झाँसी में एक एनकाउंटर में मार गिराया था। जिस दिन कसारी-मसारी के कब्रिस्तान में असद को दफनाया गया, उसी दिन यानी 15 अप्रैल की रात को मेडिकल कराने के लिए ले जाते समय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी।