Tuesday, November 26, 2024
Homeसोशल ट्रेंडप्लेट में खाना, मुँह पर हिजाब… बोली जायरा वसीम- यह मेरी च्वाइस, निकाह में...

प्लेट में खाना, मुँह पर हिजाब… बोली जायरा वसीम- यह मेरी च्वाइस, निकाह में सभी मुझे घूर रहे थे पर मैंने नहीं हटाया नकाब

"मैं हाल में एक निकाह में शामिल हुई थी। मैंने भी इसी तरीके से खाना खाया था। यह मेरी च्वाइस थी। मेरे चारों ओर मौजूद लोग मुझे घूर रहे थे कि मैं अपना नकाब हटाऊँगी। मैंने ऐसा नहीं किया। ये हम आपके लिए नहीं करते, इससे डील करना सीखिए।"

‘दंगल’ फेम जायरा वसीम (Zaira Wasim) ने 2019 में इस्लाम के लिए बॉलीवुड से किनारा कर लिया था। उसके बाद से वे सोशल मीडिया में अपने कट्टरपंथी परिधानों और विचारों को लेकर चर्चा में रहती हैं। अब उन्होंने खाना खाने के दौरान नकाब पहनने को अपनी च्वाइस बताया है।

जायरा ने ट्विटर पर बताया है कि एक निकाह के दौरान लोग उन्हें घूर रहे थे कि वे कब अपना नकाब उतारेंगी। लेकिन उन्होंने बिना नकाब हटाए ही खाना खाया। यह प्रतिक्रिया उन्होंने ट्विटर यूजर (@AzzatAlsaalem) के एक पोस्ट पर दी। इस पोस्ट में लगी तस्वीर में एक मुस्लिम लड़की के सामने प्लेट में खाना पड़ा है। वह खाने के दौरान भी अपना नकाब नहीं हटाती है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए सवाल किया गया कि क्या यह एक इंसान की पसंद है?

इस पोस्ट को रिट्वीट करते हुए जायरा वसीम ने लिखा, “मैं हाल में एक निकाह में शामिल हुई थी। मैंने भी इसी तरीके से खाना खाया था। यह मेरी च्वाइस थी। मेरे चारों ओर मौजूद लोग मुझे घूर रहे थे कि मैं अपना नकाब हटाऊँगी। मैंने ऐसा नहीं किया। ये हम आपके लिए नहीं करते, इससे डील करना सीखिए।”

इस पोस्ट पर कई लोगों ने जायरा का समर्थन किया है। कुछ ने कहा है कि आप बिल्कुल सही हो। कुछ ने कहा है कि अल्लाह दूसरी औरतों को भी इसी तरह की हिदायत दें। वहीं कुछ लोगों ने जायरा की सोच पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि औरत का औरत से पर्दा नहीं है।

गौरतलब है कि जायरा वसीम कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की माँग करने वाली लड़कियों का भी समर्थन कर चुकी हैं। उनका कहना था कि इस्लाम में हिजाब कोई पसंद-नापसंद की बात नहीं है, बल्कि ये अनिवार्य है और मुस्लिम लड़कियों पर इसे पहनने की जिम्मेदारी है। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा था, “मैं भी हिजाब पहनती हूँ। मैं उस सिस्टम का विरोध करती हूँ, जहाँ महिलाओं को ऐसा करने से रोका जा रहा है। उन्हें परेशान किया जा रहा है।” इसके अलावा साल 2020 में एक पोस्ट सामने आई थी जिसमें जायरा ने कुरान की आयतें लिखी थीं और टिड्डियों के खतरे को इस्लाम से जोड़ा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘आप चुनाव जीते तो EVM सही, आप हारे तो हुई छेड़छाड़’: सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम बदलने से किया इनकार, अब बैलेट पेपर के लिए...

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिका को सुनवाई के योग्य ही नहीं पाया।
- विज्ञापन -