जापान में लोग कोरोना महामारी के दौरान फेस मास्क के इतने आदी हो गए हैं कि अब उन्हें मुस्कुराने के लिए सेशन अटेंड करना पड़ रहा है। वो फिर से मुस्कुरा सकें, इसके लिए वो ‘स्माइलिंग सेशन’ अटेंड कर रहे हैं। दरअसल, पूर्वी एशियाई देशों में चेहरा को ढँका जाना आम बात है। ऐसा इसीलिए, क्योंकि वहाँ मौसमी रोगों और बुखारों के अलावा संक्रमण का भी खासा प्रभाव रहा है। कोरोना के बाद लोगों ने और अच्छे से मास्क पहनना शुरू किया।
कोरोना के दौरान जापान की सरकार ने आधिकारिक रूप से फेस मास्क को अनिवार्य कर दिया था। जापान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फेस मास्क बनाने वाली कंपनियों की चाँदी हो गई। अब जापान की सरकार ने भी फेस मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसी बीच कुछ लोगों को अचानक ये एहसास होने लगा कि वो मुस्कुराना भूल गए हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि कोरोना के दौरान उसने अपने चेहरे के मसल्स का इस्तेमाल ही नहीं किया।
इसीलिए, जापान में अब ‘स्माइल इंस्ट्रक्टर’ की लोगों को ज़रूरत पड़ रही है। ये ‘स्माइल इंस्ट्रक्टर’ लोगों को हँसना सिखाते हैं। ये इंस्ट्रक्टर लोगों को व्यायाम कराते हैं। युवा भी उनकी सहायता ले रहे हैं, ताकि नौकरियों में इंटरव्यू के दौरान वो मुस्कुरा सकें और उनका इम्प्रेशन अच्छा पड़ सके। इन युवाओं को इंस्ट्रक्टर आईने के सामने जाकर बैठ कर अपनी उँगलियों से अपने होठों को दोनों तरफ खीचने के लिए कहते हैं। इस तरह उन्हें मुस्कुराना सिखाया जाता है।
A training institute in Japan is coaching its students on how to make the perfect smile https://t.co/bIDG9oJqT0 pic.twitter.com/FNv1juawyF
— Reuters (@Reuters) June 6, 2023
साथ ही लोग अपने चेहरे की मांशपेशियों का भी अच्छे तरीके से इस्तेमाल करना सीख रहे हैं। स्माइल कोच कोइके कवनो ने बताया कि अब जब जापान में पर्यटन भी लौट रहा है, मुस्कुराना लोगों की ज़रूरत भी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जापान एक द्वीपीय देश है और यहाँ की सुरक्षा भी इसका एक कारण है कि लोग हँसते कम हैं। मास्क से इस ट्रेंड को और बढ़ावा मिला। ये भी सामने आया है कि अनिवार्यता हटने के बावजूद 55% जापानी लोग मास्क पहन रहे हैं।