कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या की झाँकी निकाली। इस झाँकी में इंदिरा गाँधी की हत्या करते हुए दिखाया गया है। भारत ने इसका सख्त विरोध किया है। भारत के विरोध के बाद कनाडा के राजदूत ने कहा कि कनाडा में नफरत और हिंसा के लिए जगह नहीं है।
बता दें कि पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकी जरनैल से भिंडरांवाले के खिलाफ प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने ऑपरेशन का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 1 जून 1984 से 8 जून 1984 तक सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इसके पाँच महीने बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गाँधी की हत्या उनके दो सिख अंगरक्षकों ने कर दी थी।
मामला कनाडा के ब्रैम्पटन शहर का है। खालिस्तान समर्थकों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर 4 जून को परेड निकाला था। इस दौरान एक झाँकी भी निकाली गई थी, जिसमें ऑपरेश ब्लू स्टार का आदेश देने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या करते हुए दिखाया गया है।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में इंदिरा गाँधी खून से सनी सफेद साड़ी में हाथ ऊपर उठाए खड़ी दिख रही हैं। वहीं, पगड़ी बाँधे आदमी उनकी तरफ बंदूक ताने खड़े हैं। इस झाँकी के पोस्टर के पीछे लिखा था, ‘बदला’। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कॉन्ग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने भी कनाडा सरकार पर सवाल उठाया है।
As an Indian, I'm appalled by the 5km-long #parade which took place in the city of Brampton, Canada, depicting the assassination of #IndiraGandhi.
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) June 7, 2023
It's not about taking sides, it's about respect for a nation's history & the pain caused by its Prime Minister’s assassination.… pic.twitter.com/zLRbTYhRAE
वीडियो सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं, भारत का विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा को लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में इस तरह की घटना दोनों देशों के लिए सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोध के लिए नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, “मुझे लगता है कि इसमें एक बड़ा मुद्दा शामिल है। हमें वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठना होगा। ये बड़ा मुद्दा है कि क्या कनाडा अपनी जमीन अलगाववादियों, चरमपंथियों, हिंसा की वकालत करने वाले लोगों को दे रहा है। मुझे लगता है कि यह रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है और विशेषकर कनाडा के लिए तो बिल्कुल सही नहीं है।”
दोनों देशों के बीच तल्खी की झलक कनाडा के NSA के बयान से मिलता है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉडी थॉमस ने एक बयान में कहा था कि भारत उनके देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है। इसके बाद जयशंकर ने कहा, ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’।
हालाँकि, इंदिरा गाँधी की झाँकी वाले मसले पर विरोध के बाद भारत में कनाडा के राजदूत कैमरून मैके ने इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या का जश्न मनाने की खबरों से वह हैरान हैं। उन्होंने कहा, “कनाडा में नफरत या हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है। मैं इन गतिविधियों की कड़ी निंदा करता हूँ।”
I am appalled by reports of an event in Canada that celebrated the assassination of late Indian Prime Minister Indira Gandhi. There is no place in Canada for hate or for the glorification of violence. I categorically condemn these activities.
— Cameron MacKay (@HCCanInd) June 7, 2023
इसके पहले ट्रुडो सरकार ने कनाडा में पढ़ाई करने वाले 700 छात्रों को वापस भेजने की बात कही थी। कनाडा की सरकार ने इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप लगा है। अब इन छात्रों पर वापस भेजने का खतरा मंडरा रहा है। खालिस्तानियों को लेकर दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई कड़वाहट का नया शिकार ये छात्र बनते दिख रहे हैं।
कनाडा में पंजाब से जाकर बसने वालों सिखों की अच्छी-खासी आबादी है। वहाँ की वर्तमान सरकार वोट बैंक की राजनीति के चलते खालिस्तानियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करती। इस कारण खालिस्तान समर्थक कनाडा में खुलेआम भारत विरोधी कार्यों में लगे रहते हैं। वहाँ हाल के दिनों में हिंदू मंदिरों पर हमलों में भी वृद्धि हुई है।