इंसान चाहे किसी भी मुकाम पर पहुँच जाए लेकिन भगवान के प्रति आस्था ऐसी चीज है जो यदि मन में हो तो कभी खत्म नहीं होती। हाल में ऐसे दो उदाहरण देखने को मिले। जब चंद्रयान-3 लॉन्च करने वाली वैज्ञानिकों की टीम चंद्रयान-3 का मिनी मॉडल लेकर तिरुपति मंदिर आशीर्वाद लेने पहुँचे और दूसरी ओर सायना नेहवाल जैसे बड़ी बैडमिंटन स्टार अपनी माता को अमरनाथ यात्रा कराने पहुँचीं। जहाँ उन्होंने भगवान के दर्शन कर कहा कि वह खुद को भाग्यशाली महसूस कर रही हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किए गए विजुल्स में देख सकते हैं 14 जुलाई को होने जा रहे चंद्रयान-3 के लॉन्च से पहले ISRO वैज्ञानिकों की टीम उत्साह के साथ तिरुपति वेंकटचलपथी मंदिर में गई और भगवान का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनके पास चंद्रयान-3 का मिनी मॉडल भी था। ISRO वैज्ञानिकों ने मंदिर से बाहर आकर मीडिया को बताया- ये चंद्रयान-3 है। हमारा चंद्रमा तक का मिशन। हम इसे कल लॉन्च करेंगे।
विज्ञान को भी चाहिए ईश्वर का सहारा। लोग विज्ञान और अध्यात्म को अलग-अलग करके देखते हैं। जबकि दोनों एक दूसरे के पूरक ही हैं। #Chandrayan3
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) July 13, 2023
इसरो टीम के इस प्रकार से मंदिर जाने पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल भी खड़े किए लेकिन कई लोग ऐसे थे जिन्होंने टीम के इस कदम को सहारा। वह बोले कि लोग विज्ञान और अध्यात्म को अलग मानते हैं मगर दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
वहीं बैंडमिंटर स्टार सायना नेहवाल की भी एक वीडियो सामने आई। उन्होंने बताया कि वो और उनका परिवार अमरयाथ यात्रा के लिए आईं और उनके लिए ये बहुत खास दिन है। वह बोलीं, “आज मेरे और मेरे फैमिली के लिए बहुत अच्छा दिन है। हम खुशनसीब हैं कि हम यात्रा कर रहे हैं। हम इसके लिए सरकार और स्थानीय लोगों को धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमारी मदद की।”
Setting an example for the#GenNext 👌🙏
— Kashmir Ahead कश्मीर کشمیر (@KashmirAhead) July 13, 2023
Olympic medalist, Badminton champion Saina Nehwal brings her mother to #ShriAmarnathJiYatra2023.#AmarnathYatra https://t.co/bjawelBC4C
सायना की वीडियो देखने के बाद एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया सायना नेहवाल आने वाली पीढी के लिए उदाहरण बन रही है। ओलंपिक मेडलिस्ट, बैडमिंटन चैंपियन सायना अपनी माता को अमरनाथ यात्रा पर ले जा रही हैं।
गौतलब है कि पिछले कुछ समय में धार्मिकता का मजाक बनाना ट्रेंड में देखा गया। लेकिन अब धीरे-धीरे यह समय बदल रहा है। इसरो के साइंटिस्ट से लेकर स्पोर्स्ट्स चैंपियन्स अपने धर्म और आस्था को दिखाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं।