इंग्लैंड के एक अस्पताल में नर्सों ने एक सिख रोगी को प्रताड़ित किया, उसकी दाढ़ी को प्लास्टिक के दस्तानों से बाँधा और उसे मूत्र में छोड़ दिया। नर्सों ने सिख रोगी के साथ यह सलूक नस्लीय आधार पर किया।
सिख रोगी को ऐसा खाना दिया गया जो कि वह धार्मिक कारणों से खा नहीं सकता था। यह सारे खुलासे समाचार पत्र ‘द इंडिपेंडेंट‘ ने एक डोजियर के हवाले से किए हैं। यह डोजियर नर्सिंग एंड मिडवाईफरी काउंसिल (NMC) ने बनाया था। यह संस्था ब्रिटेन में सभी नर्सों और अस्पतालों में सेवाएं देने वाले सहायक स्टाफ की नियामक है।
इस डोजियर में ब्रिटेन के अस्पतालों में नस्लीय भेदभाव को लेकर जानकारी दी गई है। डोजियर में यह भी कहा गया है कि जिस सिख रोगी के साथ यह बदसलूकी हुई, उसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
The regulator for nurses & midwives called the Nursing & Midwifery Council #NMC, @nmcnews, has been accused of #institutional #racism. Read shocking examples of #racism to #GlobalMajority #patients & #nurses described in this @Independent article in 🧵https://t.co/E4NcflfDkD
— Evelyn Mensah – Friends call me Evie (@eveosh) September 30, 2023
रोगियों के साथ नस्लीय आधार पर अस्पतालों में भेदभाव करने वाली नर्सों एवं अन्य कर्मचारियों पर शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। भेदभाव करने वाले कर्मचारी लगातार नस्लीय आधार पर रोगियों को प्रताड़ित करते रहे।
जिस सिख रोगी को प्रताड़ित किया गया उसके परिवार को उसकी पगड़ी जमीन पर पड़ी मिली और दाढ़ी प्लास्टिक के दस्तानों से बाँधी हुई मिली। दाढ़ी और पगड़ी दोनों, ही सिख धर्म में पवित्र हैं। पगड़ी को जमीन पर ऐसी जगह डाला गया था जहाँ रोगी का हाथ नहीं पहुँच सकता था।
सिख रोगी ने यह सारी समस्या पंजाबी भाषा में लिखे एक नोट में बताई थी, बाद में इस रोगी की मृत्यु हो गई थी। उसने यह भी बताया कि उसको जानबूझकर अस्पताल के कर्मचारियों ने ऐसा खाना दिया जो कि वह धार्मिक कारणों से खा नहीं सकता था और उसके बुलाने पर भी कोई सहायता के लिए नहीं आता था। नर्सें भी उस पर हँसती थी।
इस मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद भी आरोपित नर्सें लगातार काम का रही हैं। प्रताड़ना का यह मामला सामने आने के बाद NMC ने इसको ऐसे ही रफा-दफा कर दिया और नर्सें छोड़ दी गईं। अब इस मामले की दोबारा जाँच की बात हो रही है।
सिख रोगी के साथ प्रताड़ना के अलावा ब्रिटेन के अस्पतालों में अश्वेत समुदाय के साथ भेदभाव की बात सामने आई हैं, जिसके अंतर्गत अस्पताल में काम करने वाले इस समुदाय के लोगों को समय पर प्रमोशन ना देने और प्रताड़ना के विरुद्ध बोलने ना देने के आरोप हैं। अस्पतालों में काम करने वाले अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भी भेदभाव होता रहा है।
NMC की रजिस्ट्रार एंड्रिया सुट्क्लिफ़ ने इस मामले पर कहा है, “मै इस बात के लिए माफ़ी माँगती हूँ कि किसी को भी NMC के अंतर्गत नस्लीय का सामना करना पड़ा है। हम NMC को नस्लीय भेदभाव से मुक्त संस्था बनाना चाहते हैं और उसके लिए अभी काफी काम बाकी है।”