सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अयोध्या विवाद की अंतिम दिन की सुनवाई होनी है। उससे पहले तेजी से बदले घटनाक्रम में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड इस संबंध में शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर सकती है। मध्यस्थता पैनल ने इसकी पुष्टि की है।
चर्चा है कि कई साधु-संतों के साथ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें काफ़ी सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। इस दौरान साधु-संतों ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के लोगों को मिठाई भी खिलाई। ऑपइंडिया ने इन ख़बरों की पुष्टि के लिए दोनों पक्षों से संपर्क किया जिसमें सूत्रों ने बैठक की बात तो कही लेकिन इस बात पर कोई मुँह खोलने को तैयार नहीं है कि किन शर्तों पर सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड राम मंदिर वाली भूमि पर दावा छोड़ने को तैयार हुआ है। बदले में उसकी क्या माँगे और शर्तें हैं? वैसे अपुष्ट ख़बरें आ रही हैं कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने सशर्त रूप से ऐसा करने का फ़ैसला लिया है।
बताया जा रहा कि दावा छोड़ने के लिए बोर्ड की ओर से कुछ शर्तें रखी गई है। बोर्ड ने माँग की है कि ‘THE PLACES OF WORSHIP (SPECIAL PROVISIONS) ACT, 1991 ACT NO. 42 OF 1991’ को पूर्णरूपेण लागू कर इसे अभेद्य बनाया जाए। साथ ही सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने यह भी कहा है कि अयोध्या में 22 मस्जिदों के रख-रखाव की जिम्मेदारी सरकार उठाए। इसके अलावा बोर्ड ने कहा है कि एएसआई के नियंत्रण में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी स्थिति की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक समिति बनाए।
Ayodhya land dispute case – Sunni Central Waqf board is set to withdraw its appeal against Allahabad HC judgement.
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) October 16, 2019
बताया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अपनी याचिका वापस ले सकता है। उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मध्यस्थता पैनल की पुष्टि से पहले ही बोर्ड के दावे से पीछे हटने को लेकर सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया था। सोशल मीडिया पर बड़े पत्रकारों से लेकर कई अन्य लोगों ने भी इस समबन्ध में अपुष्ट सूचनाएँ दी थी, जिनके आधार पर कहा जा रहा था कि राम में आस्था रखने वालों के अच्छे दिन आ गए हैं और आक्रांता बाबर द्वारा की गई ऐतिहासिक भूल को सुधारने का क्षण आ गया है।
पत्रकार अमीर अब्बास ने ट्वीट किया, “अयोध्या पर बहुत बड़ी ख़बर। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने हम सबकी अपील मान ली है। हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए राम जन्म भूमि पर #RamMandir के लिए अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित ज़मीन पर से अपना दावा छोड़ा। आज सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड दायर करेगा हलफ़नामा।”
अयोध्या पर बहुत बड़ी ख़बर – सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने हम सबकी अपील मान ली है. हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का संदेश देते हुए राम जन्म भूमि पर #RamMandir के लिए अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित ज़मीन पर से अपना दावा छोड़ा..आज सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड दायर करेगा हलफ़नामा
— Samir Abbas (@TheSamirAbbas) October 16, 2019
जय हिंद ????
इससे पहले मंगलवार को ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने साफ़ कर दिया था कि मामले की अंतिम सुनवाई बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को होगी और उसके बाद अदालत फ़ैसला लिखने के लिए कुछ समय लेगी। भाजपा भी क़ानूनी तरीके से राम मंदिर बनवाने की बात अपने हर घोषणा-पत्र में शामिल करती रही है। अपुष्ट सूचनाओं का कहना है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड अयोध्या में 2.77 एकड़ ज़मीन पर अपने मालिकाना हक़ का दावा छोड़ देगा और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में आज ही हलफनामा दायर किया जाएगा।
इससे पहले भी कई बार राम मंदिर पर मध्यस्थता की प्रक्रिया अपनाई गई लेकिन बात नहीं बनी। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की नियमित सुनवाई शुरू की और कहा जा रहा है कि नवम्बर में सीजेआई रंजन गोगोई के रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला आ सकता है।