Tuesday, November 19, 2024
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अनुपम कुमार सिंह

भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

तब शास्त्री नहीं झुके थे, अब मोदी पीछे नहीं हटेंगे: तब भी हुआ था ‘किसान आंदोलन’, ‘हरित क्रांति’ को वामपंथियों ने खून से जोड़ा...

तब भी तो हुए थे कृषि सुधार। 'हरित क्रांति' की नींव रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री को वामपंथियों ने अमेरिका का एजेंट तक कहा, जम कर विरोध किया, पर वो झुके नहीं।

ट्विटर ऑफिस में अमित शाह की घुसपैठ: जैक के कंप्यूटर से हेरफेर कर वामपंथियों को कर रहे सस्पेंड – व्यंग्य

भारत में फेक न्यूज़ फैलाने वाले कई वामपंथी ट्विटर हैंडलों पर रोक लगाई गई। लिबरलों का कहना है कि अमित शाह ने जैक के दफ्तर में घुस ऐसा किया।

‘छात्र’ हैं, ‘महिलाएँ’ हैं, ‘अल्पसंख्यक’ हैं और अब ‘किसान’ हैं: लट्ठ नहीं बजे तो कल और भी आएँगे, हिंसा का नंगा नाच यूँ ही...

हिन्दू वोट भी दे, अपना कामधाम भी करे और अब सड़क पर आकर इन दंगाइयों से लड़े भी? अगर कल सख्त कार्रवाई हुई होती तो ये आज निकलने से पहले 100 बार सोचते।

इस्लामी हो या खालिस्तानी… निशाना हिन्दू ही है: एक ही ट्रेंड को बार-बार देख कर भी केंद्र और SC शांत क्यों?

अराजकता को जब पलने दिया जाता है तो फिर कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बचती नहीं। जो दिल्ली दंगों में हुआ, वही खालिस्तानी 'किसान' उपद्रव में।

कैपिटल हिल के लिए छाती पीटने वाले दिल्ली के ‘दंगाइयों’ के लिए पीट रहे ताली: ट्रम्प की आलोचना करने वाले करेंगे राहुल-प्रियंका की निंदा?

कैपिटल हिल वाले अगर दंगाई थे तो दिल्ली के उपद्रवी संत कैसे हुए? ट्रम्प की आलोचना हो रही थी तो राहुल-प्रियंका की निंदा क्यों नहीं? ये दोहरा रवैया अपनाने वाले आज भी फेक न्यूज़ फैलाने में लगे हैं।

घोटालेबाज लालू के लिए लिबरल गैंग का रूदन चालू, पेड ट्वीट्स की बाढ़: सैकड़ों चंदा बाबू जैसे पीड़ितों का दोषी ‘मसीहा’ कैसे?

अब सजायाफ्ता लालू यादव के बीमार होने पर उसे 'सामाजिक न्याय' का मसीहा बताने वाले फिर से सामने आ गए हैं। ट्वीट पर ट्वीट किए जा रहे हैं।

सेना राष्ट्रवादी क्यों, सरकार से लड़ती क्यों नहीं: AAP वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने ‘द प्रिंट’ में छोड़ा नया शिगूफा

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) HS पनाग पनाग चाहते हैं कि सेना को लेकर जम कर राजनीति हो, उसे बदनाम किया जाए, दुष्प्रचार हो, लेकिन सेना को इसका जवाब देने का हक़ नहीं हो क्योंकि ये राजनीतिक हो जाएगा।

‘रामायण, रामकथा अनादि है… अनंत है’: गुरु गोविंद सिंह को भूल गए सिख-हिंदू में घृणा फैलाने वाले कट्टरपंथी और नेता

आज 'किसान आंदोलन' के नाम पर हिन्दुओं और सिखों को अलग-अलग दिखाने की कोशिश हो रही है। ऐसे लोग गुरु गोविंद सिंह को पढ़ें और समझें।