Monday, October 7, 2024
34 कुल लेख

K Bhattacharjee

Black Coffee Enthusiast. Post Graduate in Psychology. Bengali.

‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’: अमेरिकी साम्राज्यवाद, अफगानिस्तान में उसकी शर्मनाक हार; तालिबान से ध्यान हटाने की कुटिल चाल

'डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व' सम्मेलन के आयोजकों का हिंदूफोबिया स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जबकि वे दावा करते हैं कि वे एक 'राजनीतिक विचारधारा' के खिलाफ हैं, न कि एक धर्म के।

‘न घर के न घाट के’: स्वरा भास्कर को अंबेडकरवादियों और वामपंथियों ने ‘लिबरल गैंग’ से किया बाहर, गृह प्रवेश पूजा बना कारण

स्वरा भास्कर की तस्वीरें प्यारी थीं, लेकिन धर्मपरायणता के सरल और सहज प्रदर्शन से अम्बेडकरवादियों और कम्युनिस्टों का आक्रोश जाग उठा।

दैनिक भास्कर ने अफगानिस्तान छोड़ने वाले हिंदुओं-सिखों के व्यापार, संपत्ति पर कब्जा करने वाले मुस्लिमों को बताया ‘मसीहा’

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान के जलालाबाद में अब कोई हिंदू और सिख नहीं है। मुस्लिम समुदाय उनके लौटने तक उनका कारोबार संभाल रहे हैं।

13 साल की मनमीत, 23 साल का शाहिद: ThePrint की ‘पत्रकारिता’, कश्मीरी सिख लड़की के धर्मांतरण को ठहराया सही

ThePrint 'सिख धर्मांतरण' को वैसे ही जस्टिफाई कर रहा है, जैसा TheWire ने किया था जब कानपुर में ग्रूमिंग जिहाद के लिए SIT जाँच बैठाई गई थी।

‘तालिबान द्वारा बामियान बौद्ध स्मारक को नष्ट करना बाबरी विध्वंस से प्रेरित’: आरफा खानम ने किया जिहादियों का बचाव

यह ध्यान देना चाहिए कि बामियान में बौद्ध स्मारकों के साथ जो हुआ वह कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा का नतीजा था जो हिन्दू, बौद्धों और जैनों के धर्म स्थानों के विनाश का कारण बनी।

लेफ्ट मीडिया नैरेटिव के आधार पर लैंसेट ने PM मोदी को बदनाम करने के लिए प्रकाशित किया ‘प्रोपेगेंडा’ लेख, खुली पोल

मेडिकल क्षेत्र के जर्नल लैंसेट ने शनिवार को एक लेख प्रकाशित किया जहाँ भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते संक्रमण का पूरा ठीकरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फोड़ दिया गया।

‘बैलेंस’ वाली पॉलिटिक्स से बंगाल में पिछड़ी बीजेपी? असम से सीख सकती है- क्या करें, क्या न करें

असम में अल्पसंख्यक वोट पश्चिम बंगाल से ज्यादा है। फिर भी भाजपा विजय की ओर अग्रसर है, लेकिन बंगाल में वह संघर्ष कर रही है। क्यों?

कुम्भ और तबलीगी जमात के बीच ओछी समानता दिखाने की लिबरलों ने की जी-तोड़ कोशिश, जानें क्यों ‘बकवास’ है ऐसी तुलना

हरिद्वार में चल रहे कुंभ की दुर्भावनापूर्ण इरादे के साथ सोशल मीडिया पर सेक्युलरों ने कुंभ तुलना निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात से की है। जबकि दोनों ही घटनाओं में मूलभूत अंतर है।