Saturday, November 23, 2024
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Dibakar Dutta

Centre-Right. Political analyst. Assistant Editor @Opindia. Reach me at [email protected]

राहुल गाँधी के बाद AAP नेता आतिशी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाकर भारत को किया बदनाम, GDP से लेकर भुखमरी पर झूठ परोसा: जानें क्या...

राहुल गाँधी की तरह दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने भी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में जाकर भारत में बारे में झूठी कहानियों को प्रचारित किया।

वामपंथियों ने बहुत परेशान किया… त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से ऑपइंडिया की बातचीत: कहा- हम सिखाएँगे मतभेद के बाद भी कैसे रहा जाता है

सीएम मणिक साहा ने कहा, “मैं प्रतिशोध की राजनीति से घृणा करता हूँ। विपक्ष में से कोई समस्या उठाता है, तो मैं इसे गंभीरता से लेता हूँ।''

रवीश कुमार पर बन गई डॉक्यूमेंट्री, बज रहीं तालियाँ… लेकिन इसमें पैसा लगा है भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस और फोर्ड फाउंडेशन का

फोर्ड फाउंडेशन और जॉर्ज सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ संबंधों को लेकर रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री While We Watched सवालों के घेरे में।

अर्धसत्य, फर्जी दावे और झूठ: इटली के आईजेएफ में राना अय्यूब ने किया देश को बदनाम, इन्वेस्टीगेशन के नाम पर परोसी मनगढ़ंत बातें

मॉडरेटर जूली की 'अज्ञानता' और अय्यूब की 'पत्रकारिता' की जवाबदेही की कमी के कारण, दुनिया भर के श्रोताओं को एक बार फिर झूठ परोसा गया।

जानवर को कैसे करते हैं हलाल, काटने से पहले बेहोश करना इस्लाम में क्यों नहीं कबूल: जानिए सब कुछ

हलाल खाद्य बाजार वर्तमान में वैश्विक खाद्य उद्योग का 16% है। वहीं निकट भविष्य में हलाल खाद्य उत्पादन में वैश्विक व्यापार का 20% तक वृद्धि की उम्मीद है।

रोशनी अली: हिंदू माँ और मुस्लिम अब्बा की बेटी, जिसकी याचिका पर कलकत्ता HC ने दिवाली से पहले पटाखों पर लगाया प्रतिबंध

कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिवाली/काली पूजा के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।

इंडोनेशिया (सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश) में हिंदू धर्म की वापसी: पहले राष्ट्रपति की बेटी छोड़ रहीं इस्लाम, पढ़ें भविष्यवाणी

इस्लाम के आगमन के बाद इंडोनेशिया में हिंदूओं की संख्या घटने लगी थी, जिससे देश में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बना दिया गया था।

अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अमर मिसाल प्रीतिलता वड्डेदार: महज 21 साल की उम्र में देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान

मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले कई वीर स्वतंत्रता सेनानी गुमनामी में चले गए। इनमें से एक बंगाल की पहली महिला बलिदानी प्रीतिलता वड्डेदार भी हैं।