कुलविंदर की मंगनी गांव लोदीपुर वासी अमनदीप कौर से लगभग ढाई साल पहले हुई थी। आठ नवंबर को शादी होनी तय थी। कुलविंदर के पार्थिव शरीर को देख अमनदीप कौर कई बार बेहोश हुई।
अश्वनी कुमार घर के एकमात्र कमाऊ पूत थे। उनके पिता ने मज़दूरी कर बेटों को पढ़ाया- लिखाया। कॉलेज के समय से ही एनसीसी में रहे अश्वनी काफ़ी पहले से ही सीआरपीएफ में भर्ती होना चाहते थे। इसी वर्ष उनकी शादी भी तय होने वाली थी।
शहीद संजय के दोस्तों के अनुसार, वह सिर्फ़ एक अच्छे जवान ही नहीं बल्कि एक अच्छे विचार वाले व्यक्ति भी थे। जब भी गाँव आते तो दोस्तों से ज़रूर मिलते थे। जिस वक़्त संजय के शहीद होने की सूचना मिली, उनकी माँ घर पर नहीं थी। सूचना मिलते ही जब वो घर पहुँची तो माहौल मातम में बदल गया।
तिलक राज एक अच्छे गायक और कबड्डी खिलाड़ी भी थे। उनके एक वीडियो को 12 लाख से भी अधिक बार देखा गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गाँव के स्कूल का नाम का नाम तिलक राज की याद में रखने की घोषणा की।
इस ऑपरेशन को 55-राष्ट्रीय राइफल्स, CRPF और SOG के जवानों ने संयुक्त रूप से चलाया। भारी गोला-बारी के बीच सुरक्षाबलों ने उस बिल्डिंग को उड़ा दिया, जहाँ ये आतंकी छिपे बैठे थे।
फारूक अब्दुल्ला की मानें तो केंद्र में जब से मोदी सरकार आई है, तब से कट्टरता में वृद्धि देखने को मिली है। उनका कहना है कि मुस्लिम युवकों को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है।
जिन आतंकियों को घेर कर सेना ने कार्रवाई शुरू की, वो जैश-ए-मोहम्मद के ही हैं। सूचना यह भी है कि पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमांइड गाजी राशिद भी इसी इलाके में छिपा हुआ है।