Sunday, November 17, 2024
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Shiv Mishra

मोदी ने भगा दिया वाला प्रोपेगेंडा और माल्या-चोकसी-नीरव पर कसता शिकंजा: भारत में आर्थिक पारदर्शिता का भविष्य

हमारा राजनीतिक विमर्श शोर प्रधान है। लिहाजा कई महत्वपूर्ण प्रश्न दब गए। जब इन आर्थिक भगोड़ों पर कड़ाई का नतीजा दिखने लगा है, इन पर बात होनी चाहिए।

कॉन्ग्रेस के इस मर्ज की दवा नहीं: ‘श्वेत पत्र’ में तलाश रही ऑक्सीजन, टूलकिट वाली वैक्सीन से खोज रही उपचार

कॉन्ग्रेस और उसके इकोसिस्टम को स्वीकार लेना चाहिए कि प्रोपेगेंडा और टूलकिट से उसकी सेहत दुरुस्त नहीं हो सकती।

पल्स पोलियो से टीके को पिटवा दिया अब कॉन्ग्रेस के कोयला स्कैम से पिटेगी मोदी की ईमानदारी: रवीश कुमार

ये व्यक्ति एक ऐसा फूफा है जो किसी और के विवाह में स्वादिष्ट भोजन खाकर यह कहने में जरा भी नहीं हिचकेगा कि; भोजन तो बड़ा स्वादिष्ट था लेकिन अगर नमक अधिक हो जाता तो खराब हो जाता। हाँ, अगर विवाह राहुल गाँधी का हुआ तो...

कोरोना वैक्सीनेशन में NDA शासित स्टेट ने लगाया जोर, जहाँ-जहाँ विपक्ष की सरकार वहाँ-वहाँ डोज पड़े कम

एक दिन में देश में 86 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगा। इसमें एनडीए शासित 7 राज्यों का योगदान 63 प्रतिशत से भी अधिक है।

ॐ को योग से तोड़ना और अल्लाह को योग से जोड़ने का कॉन्ग्रेसी प्रोपेगेंडा, कुछ और नहीं हिन्दू विरोध का पुराना पैंतरा

पॉलिटिकल करेक्टनेस किसे कहाँ तक ले जाता है वह देखने वाली बात होगी पर फिलहाल तो सरकार के विरोध के उद्देश्य से आरंभ हुई एक प्रक्रिया योग विरोध पर पहुँची और वहाँ से एक और छलांग लगाकर हिन्दू विरोध पर जा खड़ी हुई है।

उद्घाटन की लिस्ट जारी, कौन करेगा, क्या-क्या करेगा… सब क्लियर: मुख्यमंत्री-विधायक सबकी बल्ले-बल्ले

"जबसे कोरोना आया है, तब से नए काम हो नहीं रहे हैं। किसी पोस्टर पर अपना चेहरा देखे आठ महीने हो गए। उद्घाटनों की संख्या ड्रास्टिकली गिर गई है।"

वैक्सीन पर बछड़े वाला प्रोपेगेंडा: कॉन्ग्रेस और ट्विटर में गिरने की होड़ या दोनों का ‘सीरम’ सेम

कोरोना वैक्सीन पर ताजा प्रोपेगेंडा से साफ है कि कॉन्ग्रेसी नेता झूठ फैलाने से बाज नहीं आएँगे। लेकिन उतना ही चिंताजनक इस विषय पर ट्विटर का आचरण भी है।

इना-मीना-डीका, सबा-राना-ज़ुबैर झूठा, रवीश कुमार छींका-अरफा चुप्पा; क्योंकि FIR ही आज की सच्चाई है

FIR क्या हुई। आपस में ही उलझ गए जुबैर, राना और सबा। आखिर में तय हुआ रवीश के पास चलने का जो अरफा के साथ बैठे थे। फिर क्या हुआ?