Tuesday, March 19, 2024
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उद्घाटन की लिस्ट जारी, कौन करेगा, क्या-क्या करेगा… सब क्लियर: मुख्यमंत्री-विधायक सबकी बल्ले-बल्ले

CM की घोषणा के बाद विधायक जी ने फोन पर आदेश दिया - "जिन्दर, कल दो अच्छी जगह देख कर स्पीड ब्रेकर तोड़ ताकि परसों से काम शुरू हो जाए। और हाँ, वो फोटोग्राफर है न मल्होत्रा, उसको आज शाम को बुला..."

दिल्ली के विधायक जी ने स्पीड ब्रेकर का उद्घाटन कर दिया। ट्वीट की झड़ी लग गई। सब यह सोचने लगे कि पुल और सड़क का उद्घाटन तो समझ आता है पर स्पीड ब्रेकर का उद्घाटन! सब यह बहस कर रहे थे कि यह अभूतपूर्व घटना भारत के किसी भी राज्य में प्रशासन की ऐतिहासिक मिसाल है। यह बहस भी होने लगी कि यह कैसे हुआ कि मुख्यमंत्री जी ने स्पीड ब्रेकर जैसे महत्वपूर्ण निर्माण का उद्घाटन करने के लिए किसी विधायक को अलाऊ कैसे किया? मुझे लगता है कि ऐसा कुछ हुआ होगा;    

विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। दुआ सलाम के बाद बात शुरू हुई तो मुख्यमंत्री जी बोले; “देखिए, मेरी बात सुनिए, मुझे पता है कि आप सब भी उद्घाटन जैसे महत्वपूर्ण काम करना चाहते हैं लेकिन मेरी भी तो मजबूरी समझिए। आज कह रहे हैं कि उद्घाटन करना चाहते हैं। कल कहेंगे कि अस्पताल और पुल का मुआयना वगैरह भी आप लोग ही करेंगे फिर परसों कहेंगे कि केंद्र सरकार को गाली भी आप ही देना चाहते हैं? इसका क्या असर होगा वो सोचा है आपने? ऊपर से ये जो लिस्ट आपने दी है, यदि उन सारी चीजों का उद्घाटन आप लोग करने लगेंगे तो मेरे लिए बचेगा ही क्या?”

विधायकों का नेता धीरे से कुछ बुदबुदाया। उसकी बुदबुदाहट सुनकर उप मुख्यमंत्री ने कहा; “आप कुछ कहना चाहते हैं?”

नेता ने हाँ में सिर हिलाया। मुख्यमंत्री ने अपने दोनों हाथ भौतिकी विज्ञान के प्रोफ़ेसर की तरह उठाए। देख कर लग रहा था कि ऊर्जा को लेकर आइंस्टीन का प्रसिद्ध समीकरण विधायकों को समझाना चाहते हों। समझाने की मुद्रा बनाते हुए बोले; “गोयल जी, आप कहिए, जो भी बोलना चाहते हैं वो कहिए”

गोयल जी ने राहत की साँस ली और बोले; “मैं तो केवल यह कहना चाहता था कि कुछ चीजों का उद्घाटन हमें भी करने दिया जाना चाहिए। उद्घाटन वगैरह करने का मौका मिलता रहेगा तो हमें भी विधायक होने का एहसास होता रहेगा। नहीं तो इस शहर रुपी प्रदेश में हमारे लिए है ही क्या? ऐसे में ये लिस्ट जो हमने सर्व सम्मति से बनाई है, उसे देखकर मुख्यमंत्री महोदय एक बार अप्रूव कर दें तो यह झमेला ही ख़त्म हो जाए कि किन चीजों का उद्घाटन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री कर सकते हैं और किन चीजों का हम विधायक लोग।”

मुख्यमंत्री जी ने लिस्ट हाथों में ली और उसे पढ़ने लगे। गमलों का उद्घाटन, नई कचरा गाड़ी का उद्घाटन, हैंडपंप का उद्घाटन, कोरोना टेस्ट सेंटर का उद्घाटन, पानी टैंकर का उद्घाटन, राशन कार्ड का… सॉरी राशन दुकान का उद्घाटन, सरकारी विज्ञापनों वाली होर्डिंग का उद्घाटन, स्पीड ब्रेकर का उद्घाटन…… पढ़ते-पढ़ते रुक गए। बोले; गोयल जी, ये स्पीड ब्रेकर के उद्घाटन को लेकर पिछली कार्यकारिणी में ही निर्णय लिया जा चुका था न? समझौता हो गया था कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर का उद्धघाटन मैं करूँगा और अगर मैं गोवा, उत्तराखंड या पंजाब चुनाव की भूमिका बनाने के लिए दिल्ली से बाहर रहा तो गोपाल राय जी करेंगे, और वे भी न रहे तब फिर विधायक जी लोग करेंगे और वह भी प्रायर अप्रूवल के बाद? और ये इस लिस्ट में पानी टैंकर के उद्घाटन पर फिर से विचार करने की बात कहाँ से आ गई? ये भी फाइनल हो गया था कि पानी टैंकर का उद्घाटन राघव करेगा!”

गोयल जी ने तुरंत सावधान की मुद्रा पकड़ ली। बोले; वो क्या है कि जबसे ये कोरोना आया है, तब से नए काम हो नहीं रहे हैं। नए काम नहीं हो रहे हैं तो उद्घाटनों की संख्या ड्रास्टिकली गिर गई है। मैंने खुद पिछला उद्घाटन दस महीने पहले किया था, जब अपने इलाके में नाले पर एक पुलिया बनी थी। किसी पोस्टर पर अपना चेहरा देखे आठ महीने हो गए। वैसे भी अब जो नए काम हो रहे हैं, वो सभी हेल्थ मिनिस्ट्री के हैं।”

मुख्यमंत्री ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा; “अरे ये इतनी बड़ी भूमिका मत बाँधिए। सीधा पानी टैंकर पर आइए”

गोयल जी सकपका गए। बोले; “मैं उसी पर आ रहा था। मैं कहना चाहता था कि ये पानी टैंकर का काम गर्मी में शुरू होता है। इधर आप लोग ऑक्सीजन ऑडिट… सॉरी सॉरी ऑक्सीजन टैंकर के उद्घाटन में बिजी थे तो हमने सर्व सम्मति से यह विचार किया कि आप लोगों के पास समय कम रहेगा, ऐसे में विधायक लोग इसका उद्घाटन देख लें तो अच्छा रहेगा। वैसे भी पानी की किल्लत हर विधानसभा क्षेत्र में होनी है। सारे विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों का उद्घाटन कर लेंगे तो अच्छा रहेगा।

मुख्यमंत्री जी ने उन्हें धैर्य के साथ सुना लेकिन कन्विंस्ड नज़र नहीं आए। बोले; “और ये स्पीड ब्रेकर का उद्घाटन? ये मामला इस लिस्ट में क्यों आया?”

कुछ क्षणों के लिए गोयल जी को लगा कि पता होता कि ये हाल होगा तो ज्ञापन लेकर आता ही नहीं। धीरे से बोले; “वो अभी लॉकडाउन खुला है और ट्रैफिक आने लगेगा तो हमने सोचा कि कुछ उद्घाटन किया जाए। सोशल मीडिया हैंडल करने वाले शिकायत कर रहे थे कि ट्विटर फेसबुक पर एक महीने से कोई नई फोटो नहीं लगी है। एक महीने पहले कोरोना के टेस्टिंग सेंटर का उद्घाटन किया था तब फोटो पोस्ट किया गया था। लगभग हर विधायक का यही हाल है इसलिए सोचा कि उद्घाटन विधायक ही कर लें। कई लोगों ने तो अपने इलाके में लॉकडाउन के दौरान दो-चार जगह इसी आशा में स्पीड ब्रेकर तोड़वाए थे कि नए बनेंगे तो उद्घाटन करने को मिल जाएगा। लेकिन आपको आपत्ति है तो हम बिना उद्घाटन किए ही उन्हें बनवा कर खोल देंगे।”

मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने आपस में कुछ विचार विमर्श किया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा; “देखिए, ऐसा है कि हमारी सरकार के तमाम कामों में उद्घाटन सबसे महत्वपूर्ण काम है पर यह आवश्यक है कि उद्घाटन को लेकर किसी तरह का विवाद पार्टी की छवि… मेरा मतलब मुख्यमंत्री की छवि को धक्का लगता है। ऐसे में यह जरूरी है कि किन चीजों का उद्घाटन कौन करेगा, यह तय हो जाए। हम आप लोगों की डिमांड समझते हैं और यह भी सही है कि कोरोना की वजह से आजकल उद्घाटन के मौके काम मिल रहे हैं। ऐसे में उद्घाटन के लिए कुछ चीजों को हमने रिज़र्व लिस्ट से निकालने का फैसला किया है। हमें लगता है कि स्पीड ब्रेकर के उद्घाटन का महत्वपूर्ण काम हमें विधायकों के लिए अपने रिज़र्व लिस्ट से निकाल देना चाहिए। उसके अलावा हम कहेंगे कि विधायकगण पानी टैंकर का, नाले पर पुलिया का, राशन दुकान का वगैरह का उद्घाटन कर सकते हैं। हम जल्द ही एक कॉन-करेंट लिस्ट जारी करेंगे, जिससे यह क्लीयर हो जाएगा कि कौन-कौन किस-किस चीज का उद्घाटन कर सकता है। 

गोयल जी ने प्रतिनिधिमंडल की तरफ से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और सारे विधायक खुश होकर वहाँ से चल दिए। एक विधायक ने फोन निकाला, किसी को कॉल किया और बोला; “जिन्दर, कल दो अच्छी जगह देख कर स्पीड ब्रेकर तोड़ ताकि परसों से काम शुरू हो जाए। और हाँ, वो फोटोग्राफर है न मल्होत्रा, उसको आज शाम को बुला…”

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