Sunday, May 26, 2024
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Shiv Mishra

जैसे-जैसे फूटा लेफ्ट-कॉन्ग्रेस-इस्लामी इकोसिस्टम का बुलबुला, वैसे-वैसे बढ़ता गया ‘जय श्रीराम’ पर प्रोपेगेंडा 

कम्युनिस्ट-कॉन्ग्रेस-मीडिया-बुद्धिजीवियों के गठबंधन को पहली चोट जय श्रीराम से ही लगी थी। मोदी के उदय ने इसे और गहरा कर दिया।

सूना पड़ा प्रोपेगेंडा का फिल्मी टेम्पलेट! या खुदा शर्मिंदा होने का एक अदद मौका तो दे 

कितने प्यारे दिन थे जब हर दस-पंद्रह दिन में एक बार शर्मिंदा हो लेते थे। जब मन कहता नारे लगा लेते। धमकी दे लेते थे कि टुकड़े होकर रहेंगे, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह।

श्रीराम मंदिर के लिए सदियों तक मुगलों से सैकड़ों लड़ाई लड़े तो कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-आप इकोसिस्टम से एक और सही

जो कुछ भी शुरू किया गया है वह हवन कुंड में हड्डी डालने जैसा है पर सदियों से लड़ी गई सैकड़ों लड़ाई के साथ एक लड़ाई और सही।

हिंसा से भी खौफनाक बंगाल का सिस्टम: पीड़ितों का अब सुप्रीम कोर्ट ही सहारा

हिंसा पीड़ित नागरिकों की कौन सुनेगा? उनके विरुद्ध हुई हिंसा को रिपोर्ट करने के लिए राज्य सरकार की कौन सी संवैधानिक संस्था उपयुक्त हो सकती है?

यदि सिद्धू रहा, जड़ से उखाड़ देगा इन्हें, जब चाहेगा कुर्ते की तरह झाड़ देगा इन्हें…

ये सत्य है। और सिद्धू सत्य बोलता है। सिद्धू के बिना माल नहीं छनता, माल नहीं छनता गुरु। सिकंदर हूँ मैं, और सिकंदर हालात के आगे कभी...

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में फिर से यौन उत्पीड़न की घटना क्या सन्देश देती है?

अब किसान आंदोलन केवल किसानों और उनकी समस्याओं के बारे में नहीं रहा। इसके साथ कई और ग्रुप जुड़ गए हैं, जिनका अपना निहित स्वार्थ है।

पार्टी जान कहती है – कोई भी स्कैम छोटा नहीं होता… और स्कैम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता

लोग ताना दें या गाली, स्कैम नहीं रुकना चाहिए। यह सोच मत रुको कि ये विभाग तुम्हारे पास नहीं, इस विभाग में केवल छोटा स्कैम किया जा सकता है।

अनशन पर बैठे गाँधी: खलीफा से शादी पर चर्चा, फुर्सत में नुसरत को समझाया जहां से जैन तक की बात

नुसरत जहां ने सांसद के रूप में शपथ लेते हुए अपना नाम नुसरत जहां रूही जैन बताया था। अब नुसरत जहां हैं। रूही जैन कौन है, उन्हें नहीं पता।