Saturday, April 27, 2024
7 कुल लेख

Shubhangi Upadhyay

Shubhangi Upadhyay is a Research Scholar in Hindi Literature, Department of Hindi, University of Calcutta. She obtained Graduation in Hindi (Hons) from Vidyasagar College for Women, University of Calcutta. She persuaded Masters in Hindi & M.Phil in Hindi from Department of Hindi, University of Calcutta. She holds a degree in French Language from School of Languages & Computer Education, Ramakrishna Mission Swami Vivekananda's Ancestral House & Cultural Centre. She had also obtained Post Graduation Diploma in Translation from IGNOU, Regional Centre, Bhubaneswar. She is associated with Vivekananda Kendra Kanyakumari & other nationalist organisations. She has been writing in several national dailies, anchored and conducted many Youth Oriented Leadership Development programs. She had delivered lectures at Kendriya Vidyalaya Sangathan, Ramakrishna Mission, Swacch Bharat Radio, Navi Mumbai, The Heritage Group of Instituitions and several colleges of University of Calcutta.

सो सब तव प्रताप रघुराई, नाथ न कछू मोरि प्रभुताई: 2047 तक विकसित भारत की लक्ष्य प्राप्ति के लिए युवाओं को हनुमान जी का...

हनुमान जी हमें भावनाओं का संतुलन सिखाते हैं। उनका व्यक्तित्व आत्ममुग्धता से कोसों दूर है। उनकी तरह हम सभी को भारत माता का सेवक बनना होगा।

‘बहरों को सुनाने के लिए ऊँची आवाज़ की ज़रूरत’: ब्रिटिश सरकार को नाकों चने चबवा दिए थे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु, शहीद दिवस...

सैंडर्स की हत्या के लिए भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को आज ही के दिन यानी 23 मार्च 1931 को फाँसी दे दी गई थी।

‘जब तक एक भी हिन्दू व्यक्ति जीवित है… तब तक रहेगी माता सीता की कथा’ – क्यों स्वामी विवेकानंद बनना चाहते थे गिलहरी?

“अपने महिमावान अतीत को मत भूलो। स्मरण करो... हम कौन हैं? किन महान पूर्वजों का रक्त हमारी नसों में प्रवाहित हो रहा है?” - स्वामी विवेकानंद

अ से अनपढ़ से लेकर ज्ञ से ज्ञानी तक, वैज्ञानिक है हिन्दी: आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत तो यही होगी वैश्विक भाषा, अब अंग्रेजी की...

जब भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनेगा, व्यापार और उत्पादन दोनों ही भारत पर अधिक निर्भर होगा तब वैश्विक मंच पर स्वतः ही हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका का वहन करेगी।

‘विद्रोह को क्रांति नहीं कहा जा सकता’: भगत सिंह ने लिखा था, समझाया भी था… काश उनकी टीशर्ट पहने लोग, ‘लाल-सलाम’ वाली भीड़ इसे...

“विद्रोह को क्रांति नहीं कहा जा सकता यद्यपि यह हो सकता है कि विद्रोह का अंतिम परिणाम क्रांति हो।” - भगत सिंह ने लिखा-समझाया था।

गोरों ने जिसे समझा गुलाम, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे हाथ मिला कर कहा था – ‘धन्यवाद भाई’

“ऐसे विद्वान राष्ट्र में मिशनरी भेजना मूर्खता। वहाँ से तो हमारे देश में धर्मप्रचारक भेजे जाने चाहिए।” - स्वामी विवेकानन्द पर एक टिप्पणी।

आठवें अवतार, 64 कलाओं के ज्ञाता… पूर्ण पुरुष कहलाते हैं श्रीकृष्ण, जानिए माखनचोरी और रासलीला के पीछे क्या हैं रहस्य

कान्हा जी हमें छोटे-छोटे क्षणों का आनन्द उठाना सिखलाते हैं। भविष्य की चिंता न कर वर्तमान में जीना सिखलाते हैं। हर प्रतिकूल परिस्थितियों में स्वयं पर नियंत्रण, विधाता पर विश्वास, सकारात्मकता, शांति और आनंद बनाए रखना ही रास कहलाता है।

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