भारत की बात
वर्तमान नागालैंड की सुंदरता के पीछे छिपा है रक्त-रंजित इतिहास: नागालैंड डे पर जानिए वह गुमनाम गाथा
1826 से 1865 तक के 40 वर्षों में अंग्रेज़ी सेनाओं ने नागाओं पर कई तरीकों से हमले किए, लेकिन हर बार उन्हें उन मुट्ठी भर योद्धाओं के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा।
धर्म और संस्कृति
कार्तिक मास: मौसम के बदलाव की सूचना भी पर्व से, सिर्फ सभ्यता-संस्कृति नहीं, छिपे हैं अनगिनत वैज्ञानिक तथ्य
मनुष्य द्वारा ऋतु को बदलते देखना, उसकी रंगत पहचानना, उस रंगत का असर अपने भीतर अनुभव करना पर्व का लक्ष्य है। हमारे पर्व-त्यौहार...
अन्य
कहानी भारत के पहले फुटबॉल कप्तान टीएओ की, जिनके सम्मान में इंदिरा गाँधी का नाम हटा दिया गया
भारत के पहले फुटबॉल कप्तान टीएओ की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगालैंड राज्य बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में उन पर ही चर्चा हुई।
भारत की बात
संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं… संस्कृति, विज्ञान, तार्किक क्षमता और अन्य भाषाओं की प्राण भी है
तुलनात्मक भाषा विज्ञान के अध्ययन में विद्वानों ने संस्कृत की ग्रीक, लैटिन आदि भाषाओं से समानता को प्रदर्शित किया है और संस्कृत भाषा को ही...
भारत की बात
दर्थवामा रेन्थलेई: मिजोरम के एक अज्ञात राष्ट्र नायक, जिन्होंने नेताजी के नेतृत्व में लड़ी थी आजादी की लड़ाई
भारतीय स्वतंत्रता में अपना अद्भुत योगदान देने के लिए 15 अगस्त, 1972 को ‘ताम्रपत्र’ राष्ट्रीय पुरुस्कार से दर्थवामा को सम्मानित किया गया था।
संस्कृत
धर्मनिरपेक्ष-महाकाव्यमिदं रामायणं धर्मव्यतिरिक्तं न विद्यते अपितु सर्वश्रेष्ठधर्मण: शिक्षक:
विपुले संस्कृतवाङ्मये रामायणं बीजरूपमहाकाव्यम्। उत्तरवर्तीनां काव्यानाम् उपजीव्य अयं ग्रन्थ:। न केवलं संस्कृतभाषायां अपितु अनेकासु भाषासु रामायाणमाश्रित्य काव्यानि प्रवृत्तानि। वस्ततस्तु रामायणमेव गीतिकाव्यस्य आधारभूतं काव्यं महाकाव्यानां विकासपरम्परायां आदिमं सोपानम्।
धर्म और संस्कृति
वैज्ञानिक पद्धति से कालविधान कारक: भारतीय मनीषा की सर्वोच्च उपलब्धियों में विशेष है ज्योतिष शास्त्र
'कल्प' वेद प्रतिपादित कर्मों का प्रायोगिक रूप प्रस्तुत करने वाला शास्त्र है। ज्योतिष उन कर्मों के अनुकूल समय आदि बताने वाला शास्त्र है।
सामाजिक मुद्दे
जब तक हिन्दू बहुमत में है तभी तक रहेगा लोकतंत्र: भारत की आत्मा में श्रीराम बसे हैं, बाबर नहीं
गुरु नानक ने स्वयं अपनी आँखों से देखे बाबर के अत्याचारों का ऐसा दर्दनाक वर्णन किया है कि आज भी उसको पढ़ कर किसी का भी दिल पसीजे बिना नहीं रह सकता। उस अत्याचारी बादशाह की जामिया मिलिया जैसे राष्ट्रीय संस्थान में जयंती मनाई गई थी।