Friday, November 22, 2024
33 कुल लेख

Umesh Upadhyay

रामविलास पासवान: जातिबोध था लेकिन लोक व्यवहार की लक्ष्मण रेखा का कभी उल्लंघन नहीं किया

पासवान समाजवादी परिपाटी के नेता थे। उनकी शुरुआती राजनीति संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से ही आरम्भ हुई थी। परन्तु उनका नाम हाजीपुर के साथ अभिन्न रूप से जुड़ गया। वे आठ बार हाजीपुर से चुनाव जीते।

युद्ध पिपासु शी जिनपिंग: इतनी जल्दी नहीं मानेगा हार, देश को रहना होगा कठिन दिनों के लिए तैयार

गलवान की खिसियाहट में शी जिंगपिंग अपनी सेना के कई अफसरों की बलि चढ़ा सकते हैं। झल्लाहट में वे सीमा पर बड़ा कारनामा करने की भी...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: उसकी कमीज मेरी कमीज़ से सफेद कैसे? लोकतंत्र के लिए ये दाग अच्छे नहीं

सुप्रीम कोर्ट तक की निंदा करने वाले क्या सच में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के पक्षधर हैं? या फिर ये बुद्धिजीवी का नक़ाब ओढ़े हुए...

राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले बाबर की मानस संतान

5 अगस्त की घटना को सीमित, संकुचित राजनीतिक और धार्मिक नजरिए से देखने वाले फिर एक मूलभूत गलती कर रहे हैं। वे इस समाज और उसमें व्याप्त चेतना को समझ ही नहीं पा रहे।

सहिष्णुता और अधिकार, वामपंथ के टैक्टिकल हथियार: ऐयारों जैसा है कट्टरपंथी कम्युनिस्टों और इस्लामपंथियों का उदारवाद

ये नव-उदारवादी बहरूपिए ऐयारों की तरह दुनिया भर में इस्लामिस्ट्स और कम्युनिस्ट मानव अधिकारों, महिला अधिकारों, अल्पसंख्यक अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सहिष्णुता की वकालत करते नज़र आते हैं।

उद्दंड चीन और कॉन्ग्रेस के बेतुके बोल: वक्त सवाल पूछने का नहीं, सेना और सरकार के पीछे खड़े होने का है

जब चीन का पूरा प्रोपेगेंडा तंत्र भारत के खिलाफ प्रचार में लगा हुआ है, उस समय देश की पार्टियाँ खासकर कॉन्ग्रेस ऐसा करने लगे तो बड़ी हैरत होती है।

प्रजासुखे सुखं राज्ञः… तबलीगी और मजदूरों की समस्या के बीच आपदा में राजा का धर्म क्या

सभी ग्रंथों की उक्तियों का एक ही निचोड़ है कि राजा को जनता का उसी तरह ध्यान रखना चाहिए जिस तरह एक पिता अपने पुत्र की देखभाल करता है।

कोरोना, इस्लामोफोबिया और पश्चिमी मीडिया: कुचक्रों के बावजूद जीतेगा भारत

कोरोना के खिलाफ लड़ाई एक लम्बी लड़ाई है। ये तय है कि मानवता के साथ-साथ भारत भी इस लड़ाई को जीत ही लेगा।