मोदी को लेकर आपका नज़रिया क्या है, इस पर राय कायम करने के पहले दो ऐसी घटनाओं की जानकारी ले लेना ज़रूरी है, जब कट्टरपंथियों ने मोदी को जान से मारने की धमकी दी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनके गिरफ्तार होने के बाद उन्हें माफ़ कर दिया ताकि उनकी ज़िंदगी न खराब हो।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले तो भी मीम्स बने। जापान गए तो वहाँ एक अलग तरह का मीम वायरल हुआ। हॉन्गकॉन्ग की नेता से मिले सूअर वाला मीम। क्या सचमुच इससे तंग आकर कार्टून कैरेक्टर को ही बैन कर दिया चीन में?
बीयर खरीदने के कुछ ही दिन बाद उस इलाके में गाली-गलौच वाली अभद्र भाषा में एक पत्र मिला जिसमें एक चेतावनी के साथ लिखा था कि 'गैर-इस्लामिक' कामों में पड़ने का अंजाम बहुत बुरा होगा, जो भी ऐसा करेगा उसे भविष्य में इसे भुगतना भी पड़ेगा।
यह सब बातें पटनायक के पल्ले नहीं पड़ने वाली है, क्योंकि बहुत सारे वामपंथी उदारवादी जोकर हैं, जो महिलाओं के साथ तब तक ही सही तरीके से बात कर सकते हैं, जब तक कि बात उनके मन मुताबिक हो, जैसे ही कोई महिला इनके विचार के विपरीत रूख अपनाती है तो वो उनके साथ बदतमीजी से पेश आने से जरा भी नहीं हिचकते।
"एजाज यंग और हॉट हैं। वो यंग लोगों की बात समझेंगे और शहर को बेहतर विकास देंगे। उनके नेतृत्व में रेप होना बंद हो जाएगा। महिलाओं की पूजा की जाएगी। वो जाति के आधार पर भेदभाव भी खत्म कर देंगे। प्लीज उनको सभी लोग जीत सुनिश्चित करें।"
NAB ने चौधरी शुगर मिल्स मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को गिरफ़्तार कर लिया है। कोट लखपत जेल में नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। अल-जीजिया मिल्स भ्रष्टाचार के मामले में वो पहले से ही जेल में...
“किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपए का कर्ज माफ किया गया है, जबकि हमने कहा था कि 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। 2 लाख रुपए तक के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए।”
जेपी ने अव्यवहारिक राजनीति की, वे ऐसी मसीहाई भूमिका में आ गए थे, जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और अपने ही लोगों के खिलाफ लड़ाई को एक ही तराजू में तौल रहे थे। उन्हें उम्र के उस अंतिम पड़ाव में जरा भी भान नहीं हुआ कि जो लोग उनकी पालकी उठा रहे हैं, उनकी मंशा क्या है?
"मैं भगवान की सबसे प्यारी बच्ची हूँ। मैं सभी पर्व का आनंद उठा सकती हूँ। मैं अन्य बातों की अपेक्षा प्यार और मानवता को ज्यादा इज्जत देती हूँ। मैं बहुत खुश हूँ और विवादों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।"
इसी आन्दोलन से निकले सुशील कुमार मोदी की सत्तर के दशक में पटना के जलजमाव पर अनशन की तस्वीरें नजर आती हैं। अब वो उप मुख्यमंत्री हैं और पटना के जलजमाव से पिछले ही वर्ष की तरह इस वर्ष भी उनका आवास डूबा रहा।