एनडीटीवी के पत्रकार पल्लव बागला के इस तरह के अशिष्ट और असभ्य सवाल से मीडिया को ब्रीफ करने आए वैज्ञानिक काफी दुखी और असहज हो जाते हैं। वैज्ञानिकों पर चिल्लाकर पत्रकार महोदय ने साबित कर दिया कि पूरे मिशन की 95% सफलता उसके लिए मायने नहीं रखती।
नून-टिमाटर वाले देश के लोग भी कल रात जाग रहे थे। भूखे पेट भला नींद आए भी तो कैसे! उसी देश का एक मंत्री है - वो भी विज्ञान व तकनीक मंत्री। नाम है फवाद चौधरी। आज उसके कान से खून बह रहा होगा क्योंकि...
IAS अहलूवालिया के घर से एक कारबाइन समेत 5 बंदूक, एक विदेशी राइफल व 328 कारतूस बरामद हुए थे। उसके पास दिल्ली, ग्वालियर और चंडीगढ़ के पॉश इलाकों में कई संपत्ति और एक वातानुकूलित सिनेमा घर भी था।
इसरो चीफ के सिवन जब टूट रहे थे, तो उनके कंधों पर शाबासी की थपकी मिली किससे - खुद पीएम से। जब पीएम मोदी ने रोते हुए सिवन को गले लगाया तो उसमें यह संदेश छिपा था कि देश को आपकी सफलता पर गर्व है, जबकि आपकी विफलता पर वो आपके साथ और भी मजबूती के साथ खड़ा है।
"978 करोड़ रुपए के लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है। मिशन को सिर्फ लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर का नुकसान हुआ है, जबकि अंतरिक्ष यान का तीसरा खंड ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।"
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि 9000 साल पहले भारत के लोगों ने ही कृषि की शुरुआत की थी। इसके बाद ये ईरान व इराक होते हुए पूरी दुनिया में पहुँची। भारत के विकास में यहीं के लोगों का योगदान है।
पिछले पाँच सालों में रवीश की पूरी पत्रकारिता, सेलेक्टिव रही है। यह कह कर उन्माद फैलाने की कला सिर्फ रवीश को आती है कि जिसमें बार-बार एक समुदाय को कहा जाता है कि 'डर का माहौल है', हिन्दू तुम्हें लिंच कर रहे हैं, संभल कर रहो। भारत की स्थिति सोमालिया या नॉर्थ कोरिया से भी बदतर बताने में ये आदमी लायडिटेक्टर मशीन को भी धोखा दे देगा।
तुम्हारे यूॅं चर्चे में आने से कन्हैया, राना अय्यूब, आरफा खानम शेनवारी सब रश्क कर रहे हैं। राना अय्यूब तो वाशिंगटन पोस्ट तक लिख आई। आरफा भी वायर लेकर तैयार हैं। पर 'आ बैल मुझे मार' वाला तुम्हारा ट्रिक इनके काम अब तक नहीं आया।
"मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का स्पष्ट कहना है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को बहुत प्रताड़ित किया गया है। उनको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की ट्रांसफर पोस्टिंग का अच्छे से ख्याल रखा जाए।"
"अरविंद केजरीवाल जी, आपके प्रवक्ताओं ने आपकी इच्छा के अनुसार पूरे अहंकार के साथ मुझसे कहा था कि पार्टी ट्विटर पर भी मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लेगी। इसलिए कृपया "आम आदमी पार्टी", जो अब "ख़ास आदमी पार्टी" बन चुकी है, की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।"