गुस्साए लोगों का कहना था कि दिल्ली सरकार विकास कार्यों में कोताही बरत रही है। जनता के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने पहुँच कर किसी तरह सत्येंद्र जैन को वहाँ से सुरक्षित निकाला।
सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि इन दोनों में अर्जुन कौन है और कृष्ण कौन, इसका जवाब यही दोनों नेता दे सकते हैं। इस दौरान अमित शाह भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने आर्टिकल 370 पर संसद में शाह के संबोधन को भी विलक्षण बताया।
बीजेपी संसद ने एक पत्रावली दिखाई, जिसमें भगवान राम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रम से लिखा हुआ है। इसी पत्रावली में 209वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में दीया के पिता महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा हुआ है।
रवीश कुमार ने पुलवामा हमले के बाद एक इंटरव्यू में कहा था कि भारतीय मीडिया बेरोजगारी जैसे मसलों की बजाए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को तूल दे रही है ताकि सत्ताधारी दल को चुनावी फायदा हो सके। पाकिस्तानी मीडिया ने इस बयान का हवाला देकर भारत पर युद्धोन्माद पैदा करने का आरोप लगाया।
पहले वर्ग के अनुसार यह वह भूमि है जहाँ मानव समाज की स्थापना हिंदू ऋषि कश्यप ने की। दूसरे वर्ग के अनुसार इस स्थान का नाम कैशमीर उचित है, क्योंकि यह 1947 के बाद से पाकिस्तान को विश्व भर से और भारत के वर्ग विशेष को पाकिस्तान से कैश उपलब्ध कराता रहा है।
"संघर्ष विराम का ऐलान करने की वजह से कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाक के कब्जे में रह गया। भला एक देश में कैसे दो निशान, दो विधान और दो प्रधान अस्तित्व में हो सकते हैं? यह केवल देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि अपराध भी है।”
कश्मीर के आईजी एसपी पाणि ने भी पुलिस फायरिंग की ख़बरों को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, "कुछ इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस फायरिंग का दावा किया गया है, जो पूरी तरह गलत है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से घाटी में शांति है।"
पीड़ित के अनुसार, "15-वर्षीय आरोपित लड़का मुझे एक कमरे में ले गया। वहाँ पहले मेरे साथ मारपीट की, और बाद में बलात्कार किया।" इस घटना की FIR तब कराई गई जब दिल्ली के रहने वाले छठी कक्षा के पीड़ित छात्र ने अपने माँ-बाप को इस बारे में बताया।
पुलिस को चकमा दे स्वामी राज्यसभा में पहुँच चुके थे। सभापति बीडी जत्ती पिछले सत्र में मृत हुए सदस्यों की सूची पढ़ रहे थे। उनके खत्म करने से पहले ही स्वामी ने टोका, "सर, इस सूची में एक और नाम है। इन सत्रों के बीच लोकतंत्र भी मर गया है। इसलिए उसका नाम भी आपको शामिल करना चाहिए।"
डोवाल का बकरीद के ठीक पहले लगभग 98% मुस्लिम जनसंख्या वाले अनंतनाग जाना न केवल सीमा-पार से हिंसा भड़काने वालों बल्कि स्थानीय जिहादियों और कट्टरपंथियों के लिए भी स्पष्ट संदेश है कि सरकार संवेदनशील इलाकों को सीधे 'हैंडल' कर रही है।