नुसरत जहां कोलकाता में रथयात्रा में विशेष अतिथि होंगी। साथ ही, TMC सांसद नुसरत, रथयात्रा के लिए ISKCON को बधाई देने के अलावा नागरिकों से इसमें शामिल होने की अपील भी कर रही हैं।
"नशे में धुत कुछ युवक मेरे घर के नीचे इकट्ठा हो गए थे और जब आस-पास के लोगों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोकने की कोशिश की तो उन्होंने करीब 400 लोगों को हमला करने के लिए बुला लिया। इस दौरान AAP विधायक इमरान हुसैन भी वहाँ आए और उन्होंने मुस्लिम भीड़ का समर्थन किया।"
UPA की सरकार के दौरान जनवरी 2007 में आरोपितों ने मध्य प्रदेश में कोल ब्लॉक का अधिकार पाने के लिए स्क्रीनिंग कमिटी के समक्ष गलत तथ्य दिए थे। गलत तरीके से लाभ पाने के कारण कोयला मंत्रालय को धोखे में रखा था, जिसके कारण कोल आवंटन मामले इन आरोपितों के नाम की सिफ़ारिश की गई है।
दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने 3 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपितों में से एक नाबालिग है, जबकि बाकी दोनों आरोपित बालिग बताए जा रहे हैं। घटना की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में यह तीनों मंदिर में तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं।
"इससे पहले कि आप जज करें कि मैंने कौन से कपड़े पहन रखे थे, मैं आपको बता दूँ कि मैंने नार्मल जीन्स-टॉप ही पहन रखा था। जैसे ही मैं उसकी टैक्सी में घुसी, ड्राइवर ने अपने पेंट की चेन खोल कर अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। उसने मुझे ग़लत निगाहों से घूरना शुरू कर दिया।"
"हम दिन-रात इसलिए मेहनत नहीं कर रहे कि ऐसी हरकत की जाए। किसी का बेटा होने का ये मतलब नहीं कि मनमानी की छूट होगी। जेल से छूटने के बाद स्वागत में जो लोग गए थे, उनको बाहर किया जाए, पूरी यूनिट भंग की जाए।"
"निजी वाहन में बिना अनुमति के कोई प्रवेश नहीं किया जा सकता। इसकी अनुमति वाहन का मालिक ही दे सकता है। लेकिन, यदि वाहन सार्वजनिक स्थल पर खड़ा है तो पब्लिक के पास प्राइवेट वाहन को अप्रोच करने का अवसर होता है।"
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के प्रतिनिधियों की बातें सुनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जाँच का दायरा बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय ने कहा कि 1984 सिख विरोधी दंगे के वीभत्स रूप को देखते हुए इससे जुड़े सभी ऐसे गंभीर मामलों में जाँच फिर से शुरू की जाएगी, जिसे बंद कर दिया गया था या फिर जाँच पूरी कर ली गई थी।
शाहीन की 5 साल की एक बेटी है और वह जब भी अपनी बच्ची को लेकर ससुराल जाती है तो वहाँ उसके पति के घरवाले उसके साथ मारपीट करते हैं और तीन तलाक का हवाला देकर घर से निकाल देते हैं।
इस अनुच्छेद की वजह से कश्मीर में आरटीआई भी लागू नहीं है। इसके अलावा शहरी भूमि क़ानून भी वहाँ लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर का अपना अलग ध्वज है और वहाँ के निवासियों के पास दोहरी नागरिकता होती है। यहाँ विधानसभा का कार्यकाल भी 6 वर्षों का होता है।