Monday, November 25, 2024

भारत की बात

वो राजा जो पानीपत के तीसरे युद्ध में बदल सकता था भारत की तकदीर… जिसे मारने के लिए इस्लामी आक्रांताओं ने लिया छल का...

वो भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट ही थे, जिनके कारण बृजभूमि में फिर से हरी फसलें लहलहाईं और बलूचों-अफगानों को नंगे पाँव भारत से भागना पड़ा।

एक लड़के के पीछे पागल था बाबर, लिखने लगा था आशिकाना शेरो-शायरी: बाबर के ‘समलैंगिक प्यार’ की वो कहानी, जो आज तक छिपाई गई

आज हम आपको 17 साल के एक लड़के के प्रति बाबर के समलैंगिक यौन-आकर्षण के बारे में बता रहे हैं, जिसका जिक्र उसने खुद 'बाबरनामा' में किया है।

‘वो दुष्ट पहाड़ी राजा मूर्तिपूजक, मैं मूर्तिभंजक हूँ’: गुरु गोविंद सिंह ने की थी मुगलों को गद्दी दिलाने में सहायता – किताबों में पूरा...

पहाड़ी हिन्दू राजाओं से युद्ध को लेकर औरंगजेब से गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि वो 'दुष्ट मूर्तिपूजक' हैं, जबकि मैं 'मूर्तिभंजक' (बुतशिकन) हूँ।

हिन्दू योद्धाओं ने की थी गुरुओं की रक्षा, औरंगजेब से जा मिला था सिख गुरु का बेटा: हिन्दू राजा ने दान की हवेली, तब...

दिल्ली के कनॉट पैलेस में जो गुरुद्वारा खड़ा है, उसके लिए हिन्दू राजा ने अपना बँगला दान कर दिया था। हिन्दू राजाओं ने गुरुओं की रक्षा की थी।

ढाई साल पहले बलिदान हुए जवान की पत्नी ज्योति बनीं सेना में लेफ्टिनेंट… जानिए संघर्ष और देशप्रेम की कहानी

आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति बनी सेना में लेफ्टिनेंट। बच्चों ने भी जताई सेना में जाने की इच्छा।

जनजातीय गौरव दिवस: जानिए बिरसा मुंडा सहित उन 12 नायकों की गाथा, जिन्होंने अंग्रेजों और इस्लामी आक्रांताओं के दाँत खट्टे किए

यहाँ हम बिरसा मुंडा के अलावा उन 11 जनजातीय नायकों की बात करते हैं, जिन्हें पीएम मोदी के 'जनजातीय गौरव दिवस' कार्यक्रम में याद किया जाएगा।

गाँधी की हत्या के बाद गुंडों ने हमला किया तो अकेले लाठी लेकर भिड़ गई थीं वीर सावरकर की पत्नी यमुनाबाई: कहानी ‘त्या तिघी’...

कभी चाँदी की थाली में खाने वाली रईस घराने की यमुनाबाई ने वीर सावरकर से शादी के बाद ससुराल आते खुद को विपरीत माहौल में भी ढाल लिया।

इस्लामी कमांडर कुंजली मरक्कर IV पर आधारित फिल्म के रिलीज होने से पहले विवाद: जानिये क्यों?

विवादास्पद मलयालम फिल्म 'मरक्कर: अरबिकाडालिन्ते सिंघम' रिलीज होने के लिए तैयार है। मगर रिलीज से पहले ही यह विवादों में घिर गया है।

‘देखो अपना देश’: पहली रामायण सर्किट ट्रेन दिल्ली से रवाना, अयोध्या से रामेश्वरम तक 7500 किमी की यात्रा

17 दिनों की इस यात्रा में अयोध्या, नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी, काशी, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम शामिल हैं।

क्या आप जानते हैं औरंगजेब ने भी पटाखों पर लगाया था प्रतिबंध, पढ़िए मुगल आक्रान्ता का 1667 का आदेश

औरंगजेब ने भी अपने काल में पटाखे फोड़ने पर रोक लगवाई थी। उसका आदेश बीकानेर के स्टेट अर्काइव में सुरक्षित है।आदेश 8 अप्रैल 1667 का है।

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