CAA के विरोध की आड़ में इस्लामिक कट्टरपंथियों और वामपंथियों ने हिंदू विरोधी नारे लगाए। 'फक हिंदुत्व' लिखकर 'ऊँ' चिह्न का भरी दुनिया के सामने अपमान किया। अब इसी इस्लामिक भीड़ ने शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में जिन्ना वाली आजादी के नारे लगाए और वहाँ किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।
पुलवामा के फिदायीन हमलावर आदिल डार ने अपने आखिरी वीडियो में कहा था, "गौमूत्र पीने वाले भद्दे लोग उनके आक्रमणों का सामना नहीं कर पाएँगे।" लेकिन गाय या गौमूत्र से घृणा करने वालों में लेटेस्ट नाम है महिला IPS अधिकारी - असलम खान का।
‘लिबरल’ बुलियों ने जोहो के ग्राहकों और कर्मचारियों से कहा कि ‘वे वही करें जो उनका अंतरात्मा कहता है।’’ साथ ही वेम्बू को धमकी भी दी गई कि अगर वे इस लाइन से नहीं हटेंगे, तो उन्हें सोशल बायकॉट का भी सामना करना पड़ेगा।
शेफ अतुल कोचर को बर्खास्त किए जाने के बाद वामपंथियों का काम खत्म हो गया। वो इसे भूलकर अपने अगले टारगेट के लिए निकल पड़े, लेकिन यह घटना कोचर के लिए काफी मुश्किल भरा समय रहा। पिछले साल अगस्त में प्रकाशित एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें और उनके परिवार को उनके एक ट्वीट की वजह से मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा था।
ABVP को बदनाम करने के लिए जिस ग्रुप चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर JNU की पूर्व अध्यक्ष गीता द्वारा शेयर किया गया, उसमें कई नंबर साफ नजर आए। जब इन नंबरों की पड़ताल हुई तो एक नंबर उसमें अमन सिन्हा का निकला। अमन सिन्हा कोई और नहीं बल्कि वामपंथी है, कन्हैया से लेकर उमर खालिद और अफजल गुरु तक वो...
शेहला रशीद ने ट्विटर पर लिखा- "अल्लाह का शुक्र है कि नरेंद्र मोदी की कोई औलाद नहीं है। अगर उनके बच्चे होते तो उन्हें स्कूल में काफ़ी शर्मिंदा होना पड़ता।" ये पहली बार नहीं है जब शेहला रशीद ने पीएम मोदी को लेकर ऐसी टिप्पणी की हो।
अपने अकाउंट से सोशल मीडिया पर इस तरह के नफरत फैलाने वाले पोल चलाने के बाद ट्विटर ने रोहित चोपड़ा के ट्विटर अकाउंट ‘@IndiaExplained’ को निलंबित कर दिया। इसके बाद भी अपने पर्सनल अकाउंट से रोहित का जहर फैलाना जारी रहा।
रहमान मलिक जाल में फँस गए और उन्होंने इस झूठी कहानी को सच मान लिया। उन कथित 'क्षेत्रीय अभिनेत्रियों' में मिया खलीफा की फोटो भी थी, जिसे मलिक पहचान ही नहीं पाए। पोर्न स्टार मिया खलीफा के लिए लिखा- "गॉड ब्लेस हर।"
पाकिस्तान की अनीला एहसान ने पैगंबर मुहम्मद पर सवाल उठाकर वहाँ के कट्टरपंथियों को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया। अब उन्हें इस्लामिक क़ानून के अनुसार, 'ईशनिंदा' के आरोप का सामना करना पड़ सकता है।
"सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यों कहा।"