Friday, November 22, 2024

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गणतंत्र दिवस पर लिब्रांडुओं के नैरेटिव के लिए आप तैयार हैं?

कल की मीडिया में वामपंथियों और लिब्रांडुओं के नैरेटिव की झलक आज देख लीजिए ताकि आपको झटका न लगे!

रूस में हिन्दू धर्म: इतिहास, रूसी समाज में स्वीकार्यता और कट्टरपंथी ईसाई द्वोरकिन के हमले

क्या है रूस का श्री प्रकाश धाम? अलेक्ज़ेंडर द्वोरकिन क्यों पड़ा है हिन्दुओं के पीछे? मॉस्को में रह रहे प्रसून प्रकाश से बातचीत

तांडव: घृणा बेचो, माफी माँगो, सरकार के लिए सब चंगा सी!

यह डर आवश्यक है, क्रिएटिव फ्रीडम कभी भी ऑफेंसिव नहीं होता, क्योंकि वो सस्ता तरीका है। अभी तक चल रहा था, तो क्या आजीवन चलने देते रहें?

मोदी सरकार निकम्मों की तरह क्यों देख रही है किसान आंदोलन को?

किसान आंदोलन को ले कर मोदी सरकार का रवैया ढीला, हल्का और निकम्मों जैसा क्यों दिख रहा है? मोदी की क्या मजबूरी है आखिर?

राम मंदिर के लिए दान दीजिए, लोगों को प्रेरित कीजिए

राम मंदिर की अहमियत नए मंदिर से नहीं, बल्कि पाँच सौ साल पहले टूटे मंदिर से समझिए, जब हमारे पूर्वज ग्लानि से डूबे होंगे। आपका सहयोग, उनको तर्पण देने जैसा है।

अजीत भारती छोड़ रहे हैं ऑपइंडिया, ऑक्सफोर्ड से आया बुलावा | Ajeet Bharti roasts Nidhi Razdan

आज जब श्री भारती जी के पास यह खबर आई कि उन्हें ऑक्सफोर्ड से प्रोफेसरी का बुलावा आया है तो उन्होंने भारी हृदय से सीईओ को त्यागपत्र सौंप दिया।

बकैत की नई रिपोर्ट (S02E08): मोदी की फोटो से दिक्कत, टोपी से प्रेम?

मोदी समर्थकों की भीड़ से समस्या, आंदौलनकारी किसानों, बुर्कावालियों की भीड़ से प्रेम? भारतीय कोवैक्सिन से दिक्कत, कोवीशील्ड से प्रेम? कैसे कर लेते हैं बकैताधीश?

WhatsApp का बवाल और प्राइवेसी | Why people are uninstalling WhatsApp

तकनीक के इस दौर में प्राइवेसी की सीमा कितनी है? क्यों अनइन्स्टॉल किया जा रहा है WhatsApp?

प्रिय सुप्रीम कोर्ट, अराजकता और नौटंकी को लीगल बनाने के लिए आभार! | Ajeet Bharti video on SC staying farm laws

न सिर्फ अराजकतावादी लोगों को अब ये कहने का मौका मिल गया है कि संसद द्वारा पारित कानून गलत है, बल्कि आगे अब किसी के पास 2000 की भीड़ हो तो वो सरकारों को झुका सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का कृषि कानूनों पर रोक लगाना कहाँ तक उचित? Ajeet Bharti explains SC stand on farm laws

सुप्रीम कोर्ट ने संसद से बनाए कानून पर रोक लगाने की बात कही है, ऐसे में यह देखना है कि क्या यह न्यायपालिका द्वारा विधायिका के कार्यक्षेत्र का अतिक्रमण नहीं है?

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