Monday, December 23, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकमीडिया फ़ैक्ट चेकस्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर NDTV ने फैलाई फेक न्यूज़, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया...

स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर NDTV ने फैलाई फेक न्यूज़, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने NDTV की इस फर्जी खबर का खंडन करते हुए कहा कि दोनोंं वैक्सीन की आपात मंजूरी को खारिज करने की बात पूरी तरह से अफवाह है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन को लेकर NDTV के एक फर्जी दावे का खंडन किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने NDTV की फेक न्यूज़ का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि उसने सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक से कोरोना वायरस वायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के प्रस्तावों को अस्वीकार नहीं किया है।

मंत्रालय ने कहा कि विवादास्पद मीडिया हाउस एनडीटीवी की एक नई रिपोर्ट फर्जी है। इस तरह से विशेष तौर पर भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन आने से पहले NDTV द्वारा इसे लेकर अफवाह फैलाने की एक प्रयास असफल रहा है।

NDTV समेत कुछ मीडिया चैनल्स ने दावा किया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के सुझाव को सुरक्षा के मद्देनजर खारिज कर दिया गया है। इस दावे को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पूरी तरह से गलत बताया है।

प्रोपेगेंडा समाचार चैनल NDTV की इस फेक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 6 दिसंबर को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन, ‘कोविशिल्ड’ के लिए अनुमोदन का अनुरोध किया था, और भारत बायोटेक ने अपने स्वदेशी रूप से विकसित COVID-19 वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ के आपातकालीन उपयोग अनुमोदन के लिए आवेदन किया था।

NDTV ने आदतन ‘सूत्रों’ के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ‘सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के अपने कोरोना वायरस के आपातकालीन उपयोग के प्रस्तावों को अपर्याप्त सुरक्षा और दक्षता के आँकड़ों के कारण दोनों प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दी गई है’। इसके साथ ही NDTV ने कहा कि दोनों से ही और जानकारी माँगी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय और ‘पीआईबी फैक चेक’ के ट्विटर हैंडल ने कहा कि NDTV की यह रिपोर्ट फर्जी है, और दोनों ही प्रस्तावों को अस्वीकार नहीं किया गया है।

हालाँकि, सरकार ने NDTV की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन इसे कई अन्य मीडिया हाउसों द्वारा भी प्रकाशित किया गया। News18, India Today, CNBC TV 18 और कई अन्य समाचार चैनल्स द्वारा भी इसी तरह की खबरों को लेकर दावा किया था कि डेटा के अभाव में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी गई है। सभी मीडिया रिपोर्ट्स ने अपनी रिपोर्ट को ‘सूत्रों के हवाले’ से ही प्रकाशित किया।

उल्लेखनीय है कि भारत में 6 वैक्‍सीन का क्‍लिनिकल ट्रायल चल रहा है जबकि भारत में तीन दवा कंपनियों ने नियामक एजेंसी से COVID-19 वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति माँगी हैं।

NBT की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (दिसंबर 09, 2020) को नई दिल्ली से 64 देशों के राजनयिक हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और ‘बायोलाजिकल ई लिमिटेड’ का दौरा करने भी पहुँचे। भारत बायोटेक के अधिकारियों ने राजदूतों को लैब का टूर कराया और कोरोना वैक्सीन के विकास के बारे में जानकारी दी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।
- विज्ञापन -