Saturday, November 16, 2024
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बिजनेस स्टैंडर्ड ने लद्दाख में भारत-चीन के बीच फिर से करवा दी झड़प, सेना ने खोली झूठ की पोल

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीनी फौजियों और भारतीय सेना के बीच दोबारा झड़प हुई है। इस रिपोर्ट को राहुल गाँधी ने भी शेयर किया था।

भारतीय सेना ने बुधवार (जुलाई 14, 2021) को बयान जारी कर बिजनेस स्टैंडर्ड (Business Standard) की एक रिपोर्ट को निराधार बताया। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर भारतीय सेना और चीनी फौजियों के बीच झड़प हुई है।

उक्त मीडिया रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए सेना ने कहा, “गलवान या किसी इलाके में दोनों ओर से कोई झड़प नहीं हुई है।” बयान में रिपोर्ट लिखने वाले पत्रकार की मंशा को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए कहा गया कि खबर का तथ्यों से कोई वास्ता नहीं है। बयान में कहा गया है, “आर्टिकल गलतियों और फर्जी जानकारी से भरा हुआ है। रिपोर्ट में लिखी गई ये बात कि चीन के साथ समझौता तोड़ा गया, बिलकुल गलत और फर्जी है।”

बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित रिपोर्ट

भारतीय सेना के बयान में कहा गया है कि इस साल फरवरी में जिन इलाकों से सेना को हटाया गया था, उस पर कब्जा करने के लिए किसी भी पक्ष की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया। बयान में बताया गया कि दोनों पक्षों की ओर से शेष मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत की जा रही हैऔर संबंधित क्षेत्रों में नियमित गश्त जारी है। जमीन पर स्थिति अभी भी शांत बनी हुई है। भारतीय सेना लगातार पीएलए की गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। सेना के मुताबिक प्रकाशित लेख अपुष्ट तथ्यों पर आधारित है और इसका वह कड़ा खंडन करते हैं।

उल्लेखनीय है बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी अजय शुक्ला की रिपोर्ट में लिखा गया था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोबारा झड़प हुई। उन्होंने सूत्रों के हवाले से कहा था कि दोनों पक्षों में कम से कम एक बार झड़प हुई है। लेख का दावा था कि इस बार भी झड़प की जगह वही है जहाँ पिछले साल दोनों पक्ष आमने-सामने आए थे।

लेख में सैन्य स्रोतों का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि चीन ने कम से कम एक या संभवत: 2 एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल के रेजीमेंट को तैनात किया है जो वायुशक्ति में भारत की श्रेष्ठ हवाई ताकत को नष्ट कर देगा।

राहुला गाँधी ने शेयर की थी

भारतीय सेना द्वारा पूरी तरह से खारिज कर दिए गए इस लेख को कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी साझा किया था। गाँधी ने एक ट्वीट में बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित लेख की तस्वीर साझा की और कहा कि भारत सरकार की विदेश और रक्षा नीति ने देश को कमजोर किया है।

हैरानी की बात ये है कि भारतीय सेना द्वारा लेख में किए गए दावों का कड़ा खंडन करने के बाद भी, गाँधी ने लेख को अपनी वॉल पर सजे रहने दिया है। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी ने बिना तथ्यों को जाने झूठ फैलाने में अपना योगदान दिया। इससे पहले राहुल गाँधी राफेल सौदे में भारत सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा चुके हैं, वो भी तब जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्लीनचिट दे चुकी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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