Sunday, December 22, 2024
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क्या कंगना रनौत ने प्रदर्शनकारी किसानों को आतंकी कहा? TOI की खबर में किए गए दावे का सच

कंगना रनौत ने सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान लोगों की जान लेने वाले और दंगा करने वालों को 'आतंकी' कहा है। न तो उनकी ट्वीट में कहीं किसानों की चर्चा है और यहाँ तक कि प्रदर्शनकारियों को लेकर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा है। कंगना रनौत ने सीएए विरोधी दंगाइयों के लिए 'आतंकी' शब्द का प्रयोग किया है।

संसद में पारित हुए कृषि बिलों को लेकर कॉन्ग्रेस सहित उसके पूरे इकोसिस्टम द्वारा भ्रम फैलाने की कोशिश जारी है। किसानों को लगातार भड़काया जा रहा है। सोशल मीडिया के जरिए भी अफवाहों का बाजार गर्म है। इसी बीच कंगना रनौत ने इस बिल को लेकर भ्रम फैला रहे लोगों का विरोध किया, जिसके बाद ‘टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI)’ ने दावा किया कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों को ‘आतंकी’ कहा है।

देश के सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क में से एक TOI ने कंगना रनौत के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। उसने लिखा कि अभिनेत्री कंगना रनौत ने राज्यसभा में पास हुए एग्री-मार्केटिंग बिल्स को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘आतंकी’ कहा। TOI ने कंगना रनौत के उस ट्वीट का जिक्र करते हुए ये ख़बर प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की ट्वीट को रिप्लाई दिया था।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आश्वासन दिया कि वो पहले भी कह चुके हैं और अब भी कह रहे हैं कि किसानों के लिए ‘मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP)’ की व्यवस्था जारी रहेगी और सरकारी खरीद होती रहेगी। उन्होंने लिखा, “हम यहाँ अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।

कंगना रनौत ने इस ट्वीट को कोट करते हुए लिखा कि अगर कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है। जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है। मगर जो सोने की एक्टिंग करे, ना समझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? उन्होंने लिखा, “ये वही आतंकी हैं, CAA से एक भी इंसान की सिटीजनशिप नहीं गई मगर इन्होंने ख़ून की नदियाँ बहा दीं।” TOI ने इस बयान को गलत संदर्भ में पेश किया।

यहाँ कंगना रनौत ने सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान लोगों की जान लेने वाले और दंगा करने वालों को ‘आतंकी’ कहा है। न तो उनकी ट्वीट में कहीं किसानों की चर्चा है और यहाँ तक कि प्रदर्शनकारियों को लेकर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा है। कंगना रनौत ने सीएए विरोधी दंगाइयों के लिए ‘आतंकी’ शब्द का प्रयोग किया है। स्पष्ट है कि जिन्होंने ‘खून की नदियाँ’ बहाईं, कंगना ने इस ट्वीट में उनकी आलोचना की है, किसानों की नहीं।

‘कंगना रनौत ने किसानों को आतंकी कहा’: कितना सही है TOI का ये दावा?

बावजूद इसके TOI ने अंग्रेजी में इसे भ्रामक तरीके से ऐसे प्रकाशित किया और साथ ही ये दावा कर दिया कि कंगना रनौत ने किसानों के लिए ‘आतंकी’ शब्द का प्रयोग किया है। उन्होंने सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के जवाब में बस पूछा भर था कि नासमझ होने की एक्टिंग करने वालों को कैसे समझाया जा सकता है? इसके बाद उन्होंने सीएए विरोधी दंगों में गई जानों को याद करते हुए दंगाइयों के लिए इस शब्द का प्रयोग किया।

ज्ञात हो कि विपक्षी सांसदों के जोरदार हंगामे के बीच राज्‍यसभा ने विवार (सितंबर 20, 2020) को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को ध्वनिमत से पास कर दिया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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